"योग": अवतरणों में अंतर

No edit summary
No edit summary
पंक्ति 1:
'''योगश्चित्तवृत्ति निरोधः’।''' इस सूत्र का अर्थ है-योग वह है जो देह और चित्त की खीच-तान के बीच मानव को अनेक जन्मों तक भी आत्मा दर्शन से वंछित रहने से बचाता है। चित्तवृतियों का निरोध दमन से नहीं, उसे जानकर उत्पन्न ही न होने देना है।
 
== अर्थ एवं परिभाषा ==
 
"https://hi.wikipedia.org/wiki/योग" से प्राप्त