"ब्रह्मचर्य": अवतरणों में अंतर

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== व्युत्पत्ति ==
ये शब्द दो शब्दों से मिलकर बना है:- ब्रह्म + चर्य , अर्थात ज्ञान प्राप्ति के लिए जीवन बिताना।
अर्थात ज्ञान प्राप्ति के लिए जीवन बिताना।
 
== योग ==
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==जैन धर्म में ब्रह्मचर्य==
ब्रह्मचर्य, जैन धर्म में पवित्र रहने का गुण है, यह जैन श्रावक के पांच महान प्रतिज्ञा में से एक है (अन्य है सत्य, अहिंसा, अस्तेय, [[अपरिग्रह]] )| जैन मुनि और अर्यिकाओं दीक्षा लेने के लिए कर्म, विचार और वचन में ब्रह्मचर्य अनिवार्य है | जैन श्रावक के लिए ब्रह्मचर्य का अर्थ है शुद्धता । यह यौन गतिविधियों में भोग को नियंत्रित करने के लिए इंद्रियों पर नियंत्रण का अभ्यास के लिए है | जो अविवाहित हैं, उन जैन श्रावको के लिए, शादीविवाह से पहले यौनयौनाचार संबंधसे नादूर बनानेरहना अनिवार्य है |
 
==इन्हें भी देखें==
* [[ब्रह्मचारी]]
* [[महावीर]] : बाल ब्रह्मचारी
* [[अपरिग्रह]]