"१९४३ का बंगाल का अकाल": अवतरणों में अंतर
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1943 के बंगाल में [[कोलकाता]] की सड़कों पर भूख से हड्डी हड्डी हुई मांएं सड़कों पर दम तोड़ रही थीं। लोग सड़े खाने के लिए लड़ते दिखते थे तो ब्रिटिश अधिकारी और मध्यवर्ग भारतीय अपने क्लबों और घरों पर गुलछर्रे उड़ा रहे थे। बंगाल की मानव-रचित भुखमरी ब्रिटिश राज के इतिहास के काले अध्यायों में से एक रही है, लेकिन लेखक मधुश्री मुखर्जी का कहना है कि उन्हें ऐसे सबूत मिले हैं जो दिखाते हैं कि लोगों की दुःस्थिति के लिए चर्चिल सीधे तौर पर जिम्मेदार थे।<ref>[http://www.dw.de/बंगाल-के-अकाल-के-लिए-चर्चिल-दोषी/a-6011346 बंगाल के अकाल के लिए चर्चिल दोषी]</ref>
==इन्हें भी देखें==
== सन्दर्भ==▼
*[[सूखा]]
*[[भारत में अकाल]]
*[[प्राकृतिक आपदा]]
{{टिप्पणीसूची}}
==बाहरी कड़ियाँ==
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