No edit summary
No edit summary
पंक्ति 1:
आग का मतलब? के मानव एक है रे,<br>
नहीं बचा बद की बदी से, आदमी जो नेक है रे.<br>
आदमी ओ नेक! दामन बचा के चलना अपने,<br>
तू अगर झुलसा नहीं, तो सच न होंगे पुण्य सपने।<br>
-- [[भवानी प्रसाद मिश्र]]<br>
 
{{सदस्य खगोलशास्त्र}}