"पिलखुवा": अवतरणों में अंतर

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| ऊँचाई = २१४ मी०
| जनगणना का वर्ष = २०११
| जनगणना स्तर = 100,000 से अधिक
| जनसंख्या =
| घनत्व =
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'''पिलखुवा''' [[हापुड़]] का एक कस्बा है।
पिलखुवा क़स्बा पहले [[गाज़ियाबाद]] जिले का भाग था मगर सन २०११ में तत्कालीन बसपा सरकार के कार्यकाल में इसे हापुड़ जिले में शामिल कर दिया गया | पिलखुवा G.T. रोड पर दिल्ली से ४५ किलोमीटर पूर्व में स्थित है यहाँ की आबादी एक लाख से अधिक है इसके पूर्व में हापुड़ , पश्चिम में ग़ाज़ियाबाद, उत्तर में [[मोदीनगर]] व् दक्छिन में बुलंदशहर स्थित है . यह नगर दिल्ली-मुरादाबाद रेलवे लाइन पर स्थित है व् जिला मुख्यालय से 10 किलोमीटर की दूरी पर है वर्तमान में पिलखुवा धौलाना विधान सभा व् ग़ाज़ियाबाद लोकसभा क्षेत्र का हिस्सा है
 
'''इतिहास''' -- पिलखुवा क़स्बा सन १७०० ईसवी में यहाँ रहने वाली मुस्लिम छीपी बिरादरी के पूर्वजों द्वारा बसाया गया, सन १७०० ईसवी में [[कलानौर]] से आकर बसे नत्थू सिंह राणा के दो पुत्र कल्याण सिंह व निहाल सिंह [ यहाँ आने के बाद इन दोनों भाइयों ने इस्लाम धर्म अपना लिया था और करीमु राणा व रहीमु राणा के नाम से मशहूर हुए ] पिलखुवा में कन्खली झील के किनारे आबाद हुए, इन दो भाइयों की संताने छपाई का काम करने की वजह से छीपी कहलाती है | कुछ समय के बाद लाला गंगा सहाय नाम के एक व्यक्ति यहाँ आकर बस गए और इनकी संतान भी यहाँ बड़ी तादाद में रहती है, फिर आहिस्ता- आहिस्ता अन्य लोग भी आते गए और कारवां बनता गया |