"सारनाथ": अवतरणों में अंतर

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=== चौखंडी स्तूप ===
धमेख स्तूप से आधा मील दक्षिण यह स्तूप स्थित है, जो सारनाथ के अवशिष्ट स्मारकों से अलग हैं। इस स्थान पर गौतम बुद्ध ने अपने पाँच शिष्यों को सबसे प्रथम उपदेश सुनाया था जिसके स्मारकस्वरूप इस स्तूप का निर्माण हुआ। ह्वेनसाँग ने इस स्तूप की स्थिति सारनाथ से 0.8 कि.मी.कि॰मी॰ दक्षिण-पश्चिम में बताई है, जो 91.44 मी. ऊँचा था। इसकी पहचान चौखंडी स्तूप से ठीक प्रतीत होती है। इस स्तूप के ऊपर एक अष्टपार्श्वीय बुर्जी बनी हुई है। इसके उत्तरी दरवाजे पर पड़े हुए पत्थर पर फ़ारसी में एक लेख उल्लिखित है, जिससे ज्ञात होता है कि टोडरमल के पुत्र गोवर्द्धन सन् 1589 ई. (996 हिजरी) में इसे बनवाया था। लेख में वर्णित है कि हुमायूँ ने इस स्थान पर एक रात व्यतीत की थी, जिसकी यादगार में इस बुर्ज का निर्माण संभव हुआ।
 
एलेक्जेंडर कनिंघम ने 1836 ई. में इस स्तूप में रखे समाधि चिन्हों की खोज में इसके केंद्रीय भाग में खुदाई की, इस खुदाई से उन्हें कोई महत्त्वपूर्ण वस्तु नहीं मिली। सन् 1905 ई. में श्री ओरटेल ने इसकी फिर से खुदाई की। उत्खनन में इन्हें कुछ मूर्तियाँ, स्तूप की अठकोनी चौकी और चार गज ऊँचे चबूतरे मिले। चबूतरे में प्रयुक्त ऊपर की ईंटें 12 इंच X10 इंच X2 ¾ इंच और 14 ¾ X10 इंच X2 ¾ इंच आकार की थीं जबकि नीचे प्रयुक्त ईंटें 14 ½ इंच X 9 इंच X2 ½ इंच आकार की थीं।[18]