"खाड़ी रुपया": अवतरणों में अंतर
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'''गल्फ़ रुपी''' मई १९५९ में भारत के रिज़र्व बैंक ने खाड़ी देशों में विनिमय हेतु एक विशेष मुद्रा निकाली जिसे ''गल्फ़ रुपी'' (खाड़ी का रुपया) नाम दिया गया। इसे [[क़तर]], [[बहरीन]] तथा कुवैत में मुद्रा के तौर पर प्रयोग किया गया। आरंभ में इसका मूल्य लगभग १३.३३ ब्रिटिश पाउंड के बराबर रखा गया। 1960 के दशक में अपनी स्वतंत्रता तथा १९६६ में रुपये के अवमूल्यन करने के बाद खाड़ी के देश अपनी मुद्राएँ (दीनार) ख़ुद छापने लगे। इसी समय ये देश पूर्ण स्वायत्त भी हो रहे थे।
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