"पाणिनि": अवतरणों में अंतर

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'''पाणिनि''' (५०० ई पू) [[संस्कृत]] भाषा के सबसे बड़े [[वैयाकरण]] हुए हैं। इनका जन्म तत्कालीन उत्तर [[पश्चिम]] भारत के [[गांधार]] में हुआ था। इनके व्याकरण का नाम [[अष्टाध्यायी]] है जिसमें आठ अध्याय और लगभग चार सहस्र सूत्र हैं। संस्कृत भाषा को व्याकरण सम्मत रूप देने में पाणिनि का योगदान अतुलनीय माना जाता है।
अष्टाध्यायी मात्र व्याकरण ग्रंथ नहीं है। इसमें प्रकारांतर से तत्कालीन भारतीय समाज का पूरा चित्र मिलता है। उस समय के भूगोल, सामाजिक, आर्थिक, शिक्षा और राजनीतिक जीवन, दार्शनिक चिंतन, ख़ान-पान, रहन-सहन आदि के प्रसंग स्थान-स्थान पर अंकित हैं।