"अजमल क़साब": अवतरणों में अंतर

छो रोबॉट: श्रेणी:२०१२ मृत्यु की जगह श्रेणी:२०१२ में निधन जोड़ रहा है
छो बॉट: लिप्यंतरण।
पंक्ति 18:
'''अजमल क़साब''' (पूरा नाम: मुहम्मद अजमल आमिर क़साब, [[उर्दू भाषा|उर्दू]]: محمد اجمل امیر قصاب‎, [[जन्म]]: १३ सितम्बर १९८७ [[ग्राम]]: फरीदकोट, [[पाकिस्तान]] - [[फांसी]]: २१ नवम्बर २०१२ यरवदा जेल, [[पुणे]]) २६/११/२००८ को ताज़ होटल [[मुंबई]] पर वीभत्स हमला करने वाला एक पाकिस्तानी [[आतंकवादी]] था। मुहम्मद आमिर क़साब उसके बाप का नाम था। वह कसाई जाति का [[मुसलमान]] था। "क़साब" (قصاب‎) शब्द [[अरबी]] भाषा का है जिसका [[हिन्दी]] में अर्थ कसाई या पशुओं की हत्या करने वाला होता है। साधारणतया लोगबाग उसे अजमल क़साब के नाम से ही जानते थे।<ref>http://zeenews.india.com/hindi/news/देश/फांसी-चढ़ने-वाला-पहला-विदेशी-था-कसाब/153740</ref><ref name="azam">{{cite news|title=Planned 9/11 at Taj: Caught Terrorist|url= http://www.zeenews.com/nation/2008-11-29/487150news.html|publisher=Zee News|date=29 नवम्बर 2008}}</ref><ref name="b-mirror">{{cite news|title='Please give me saline'|url=http://www.bangaloremirror.com/index.aspx?page=article&sectid=1&contentid=2008112920081129095627277cedee9e0&sectxslt=|publisher=Bangalore Mirror|date=29 नवम्बर 2008}}</ref> क़साब [[पाकिस्तान]] में पंजाब प्रान्त के ओकरा जिला स्थित फरीदकोट गाँव का मूल निवासी था और पिछले कुछ साल से आतंकवादी गतिविधियों में लिप्त था। हमलों के बाद चलाये गये सेना के एक अभियान के दौरान यही एक मात्र ऐसा आतंकी था जो जिन्दा [[पुलिस]] के हत्थे चढ़ गया। इस अभियान में इसके सभी नौ अन्य साथी मारे गये थे। इसने और इसके साथियों ने इन हमलों में कुल १६६ निहत्थे लोगों की बर्बरतापूर्ण हत्या कर दी थी।
 
पाकिस्तान सरकार ने पहले तो इस बात से इनकार किया कि क़साब पाकिस्तानी नागरिक है किन्तु जब [[भारत सरकार]] द्वारा सबूत पेश किये गये तो जनवरी २००९ में उसने स्वीकार कर लिया कि हाँ वह पाकिस्तान का ही मूल निवासी है।<ref name="Dawn Pakistani Newspaper">{{cite news|url=http://archives.dawn.com/archives/42931|title=Ajmal's Nationality Confirmed |publisher=Dawn (Pakistani Newspaper) |date=8 जनवरी 2009|accessdate=31 जनवरी 2012}}</ref> ३ मई २०१० को भारतीय न्यायालय ने उसे सामूहिक ह्त्याओं, भारत के विरुद्ध युद्ध करने तथा विस्फोटक सामग्री रखने जैसे अनेक आरोपों का दोषी ठहराया।<ref>{{cite news|url=http://news.bbc.co.uk/2/hi/south_asia/8657642.stm|title= Surviving Mumbai gunman convicted over attacks|last=Irani |first=Delnaaz |date=3 मई 2010|work=[[BBC News]]|accessdate=3 मई 2010| archiveurl= http://web.archive.org/web/20100505141356/http://news.bbc.co.uk/2/hi/south_asia/8657642.stm| archivedate= 5 मई 2010 <!--DASHBot-->| deadurl= no}}</ref> ६ मई २०१० को उसी न्यायालय ने साक्ष्यों के आधार पर मृत्यु दण्ड की सजा सुनायी। २६-११-२००८ को मुम्बई में [[ताजमहल पैलेस एंड टॉवर|ताज़ होटल]] पर हुए हमले में ९ आतंकवादियों के साथ कुल १६६ निरपराध लोगों की हत्या में उसके विरुद्ध एक मामले में ४ और दूसरे मामले में ५ हत्याओं का दोषी होना सिद्ध हुआ था। इसके अतिरिक्त नार्को टेस्ट में उसने ८० मामलों में अपनी संलिप्तता भी स्वीकार की थी।<ref>{{cite news|url=http://ibnlive.in.com/news/2611-bombay-hc-upholds-kasabs-death-penalty/143895-3.html}}</ref> २१ फ़रवरी २०११ को मुम्बई [[उच्च न्यायालय]] ने उसकी फाँसी की सजा पर मोहर लगा दी।<ref>{{cite news|url=http://www.thehindu.com/news/national/article1478204.ece|title= Kasab waged war against India: court |work=[[The Hinduहिन्दू]]|accessdate=22 फ़रवरी 2011|location=Chennai, India|date=22 फ़रवरी 2011}}</ref> २९ अगस्त २०१२ को भारत के [[उच्चतम न्यायालय]] ने भी उसके मृत्यु दण्ड की पुष्टि कर दी।<ref>{{cite news|url=http://www.indianexpress.com/news/26-11-terror-attacks-case-sc-upholds-kasabs-death-sentence/994747/|title=26/11 terror attacks case: Ajmal Kasab's plea to spare life rejected by SC|newspaper=[[The Indian Express]]|date=29 अगस्त 2012|accessdate=29 अगस्त 2012}}</ref> बाद में [[गृह मंत्रालय, भारत सरकार]] के माध्यम से उसकी दया याचिका [[राष्ट्रपति]] के पास भिजवायी गयी। राष्ट्रपति [[प्रणव मुखर्जी]] द्वारा उसे अस्वीकार करने के बाद [[पुणे]] की यरवदा केन्द्रीय कारागार में २१ नवम्बर २०१२ को प्रात: ७ बजकर ३० मिनट पर उसे [[फाँसी]] दे दी गयी।<ref>{{cite web|url=http://www.mumbaivoice.com/ajmal-kasab-hanged-today-at-730-am-today |title=Ajmal Kasab hanged today at 7:30 am today |publisher=Mumbaivoice.com |date= |accessdate=21 नवम्बर 2012}}</ref>
== राष्ट्रपति ने भी दया याचिका ठुकरायी ==
ध्यान देने योग्य यह बात है कि २६/११ को हुए मुम्बई हमले के आरोपी अजमल क़साब की दया याचिका राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने खारिज कर दी थी। अजमल क़साब उन दस पाकिस्तानी आतंकियों में से एक था, जिन्होंने समुद्र के रास्ते मुम्बई में दाखिल होकर ताज़ होटल पर आतंकी हमले को अंजाम दिया था। २६ नवम्बर २००८ की रात को अजमल क़साब और नौ अन्य आतंकवादियों ने मुम्बई के दो होटलों, छत्रपति शिवाजी रेलवे टर्मिनस, कामा अस्पताल, लियोपोल्ड कैफे और कुछ अन्य स्थानों पर हमला किया था। इन हमलों में १६६ लोग मारे गये थे और ३०० से अधिक घायल हुए थे। बाद में सुरक्षा बलों से हुई मुठभेड़ में ९ आतंकी मारे गये जबकि अजमल क़साब जिन्दा पकड़ा गया।