"पॉलीमर": अवतरणों में अंतर
Content deleted Content added
Sanjeev bot (वार्ता | योगदान) छो बॉट: अनुभाग शीर्षक एकरूपता। |
छो (GR) File:Polyethene monomer.png → File:Polyethylene-repeat-2D-flat.png much higher quality |
||
पंक्ति 35:
[[चित्र:Ethene polymerization hindi.png]]
[[चित्र:
पॉलीमर के अध्ययन को बहुलक विज्ञान या पॉलीमर तकनीक कहते हैं। बहुत से महाविद्यालयों और विश्वविद्यालयों में इसके पाठ्यक्रम उपलब्ध हैं।<ref>[http://www.du.ac.in/hindi/course_details.html?department_id=%E0%A4%AA%E0%A5%8D%E0%A4%B0%E0%A4%BE%E0%A4%AF%E0%A5%8B%E0%A4%97%E0%A4%BF%E0%A4%95+%E0%A4%B0%E0%A4%BE%E0%A4%B8%E0%A4%BE%E0%A4%AF%E0%A4%A8&coursename=%E0%A4%AA%E0%A5%89%E0%A4%B2%E0%A5%80%E0%A4%AE%E0%A4%B0+%E0%A4%A4%E0%A4%95%E0%A4%A8%E0%A5%80%E0%A4%95+%E0%A4%AE%E0%A5%87%E0%A4%82+%E0%A4%8F%E0%A4%AE.%E0%A4%88.&course_id=389 पॉलीमर तकनीक कोर्स]- [[दिल्ली विश्वविद्यालय]] के पाठ्यक्रम में।</ref> बहुत से बहुलक बायोडिग्रेडेबल नहीं होते, जैसे पॉलीथीन। इसीलिए इसका प्रयोग निषेध होता जा रहा है। इसके लिए बहुत से विकल्प खोजे जा रहे हैं। इसी के रूप में मक्का का बहुलक कॉर्न पॉलीमर भी निकाला गया है। यह पूर्णतया बायोडीग्रेडेबल होगा<ref>[http://in.jagran.yahoo.com/news/local/himachalpradesh/4_11_5650712.html प्लास्टिक का विकल्प है बायो पॉलीमरः शर्मा]। याहू जागरण। [[२४ जुलाई]], [[२००९]]</ref><ref>[http://article.wn.com/view/WNATf2d66e882a85856381985760b77e81d1/ प्लास्टिक का विकल्प:बायोपॉलीमर]। वर्ल्ड न्यूज़।[[२५ जुलाई]], [[२००९]]</ref> जिसके कारण इससे बनने वाला पॉलीथीन जमीन में गाड़ दिए जाने के सिर्फ दस दिन में कॉम्पोस्ट में बदल जाता है और कूड़े के ढेर में रहने पर भी यह पॉलीथीन ९० दिन की अवधि में कॉम्पोस्ट बन जाता है। इसके साथ ही कॉर्न पॉलीमर की कीमत में भी पॉलीथीन की कीमत से कोई बड़ा अंतर नहीं है।<ref>[http://www.businessbhaskar.com/2009/03/06/0903060304_corn_polymer_is_best_substitute_of_plastic_bags.html पॉलीथीन का अच्छा विकल्प कॉर्न पॉलीमर]। बिज़नेस भास्कर। [[६ मार्च]], [[२००९]]। कमल जोशी। चंडीगढ़</ref> नकली नोटों की समस्या से निपटने के लिए पहली बार पॉलीमर नोट ऑस्ट्रेलिया में पेश किए गए थे। ऑस्ट्रेलिया के अलावा न्यूज़ीलैंड, पापुआ न्यूगिनी, रोमानिया, बरमुडा, ब्रूनेई और वियतनाम में भी पॉलीमर नोट प्रचलन में हैं। [[भारतीय रिज़र्व बैंक]] भी पॉलीमर के नोट निकालने की योजना बना रहा है। ऐसे नोट पानी में नहीं गलेंगे, न ही मुड़ने तुड़ने और फटने का डर ही है।<ref>[http://hindi.economictimes.indiatimes.com/articleshow/4987379.cms रिजर्व बैंक जारी करेगा 10 रुपए के नॊट]। इकोनॉमिक टाइम्स। [[९ सितंबर]], [[२००९]]</ref>
|