"के-पीजी सीमा": अवतरणों में अंतर

No edit summary
No edit summary
पंक्ति 1:
[[चित्र:Thin white line = KT (now K-Pg) boundary (5090097984).jpg|240px|thumb|[[कनाडा]] में इस चट्टान पर के-टी सीमा स्पष्ट दिख रही है]]
'''के-पीजी सीमा''' (K–Pg boundary) या '''के-टी सीमा''' (K–T boundary) [[पृथ्वी]] पर मौजूद एक पतली [[भूविज्ञान|भूवैज्ञानिक​]] [[स्तरिकी|परत]] है। यह सीमा [[मध्यजीवी महाकल्प]] (<small>Mesozoic Era</small>, मीसोज़ोइक महाकल्प) के [[चाकमय कल्प]] (<small>Cretaceous Period</small>, क्रीटेशस काल) नामक अंतिम चरण के अंत और [[नूतनजीव महाकल्प]] (<small>Cenozoic Era</small>, सीनोज़ोइक महाकल्प) के पैलियोजीन कल्प (<small>Paleogene Period</small>) नामक प्रथम चरण की शुरुआत की संकेतक है। के-पीजी सीमा [[क्रीटेशस-पैलियोजीन विलुप्ति घटना]] के साथ सम्बन्धित मानी जाती है जिसमें विश्व भर के [[डायनासोर]] मारे गये और पृथ्वी की उस समय की लगभग ७५% [[वनस्पति]] व [[जानवर]] [[जाति (जीवविज्ञान)|जातियाँ]] हमेशा के लिये [[विलुप्त]] हो गई। इस सीमा की आयु आज से लगभग ६.६ करोड़ वर्ष पूर्व निर्धारित की गई है।<ref>{{cite book|author=Ogg, James G.; Gradstein, F. M; Gradstein, Felix M.|title=A geologic time scale 2004|publisher=Cambridge University Press|location=Cambridge, UK|year=2004|isbn=0-521-78142-6}}</ref>
 
== क्षुद्रग्रह प्रहार का प्रस्ताव ==
सन् १९८० में एक अध्ययन ने दुनिया भर की [[अवसादी शैल|परतदार शिलाओं]] पर जाँच करी और पाया कि उनमें के-पीजी सीमा वाली परत में अत्याधिक [[इरिडियम]] नामक धातु का संकेंद्रण (कॉन्सनट्रेशन​) था। यह धातु पृथ्वी की ऊपरी सतहों में कम ही मिलती है। पाया गया कि कई शिलाओं की के-पीजी सीमा में औसत से ३० गुना से लेकर १२० गुना इरिडियम का जमावड़ा उपस्थित था। इस जमावड़े का पृथ्वी पर स्वयं ही पैदा होने का कोई कारण ज्ञात​ नहीं है लेकिन इस से मिलता-जुलता इरिडीयम संकेंद्रण कई [[क्षुद्रग्रहों]] (ऐस्टरायडों) में मिलता है। वैज्ञानिकों ने पूर्ण विश्व की के-पीजी सीमा में बसे हुए इरिडियम की मात्रा का अनुमान लगाते हुए हिसाब लगाया कि उसे पृथ्वी पर लाने के लिये प्रहार करने वाला क्षुद्रग्रह कम-से-कम १० किमी का रहा होगा और उसके प्रहार ने १० [[भारतीय संख्या प्रणाली|नील]] (१०० ट्रिलियन) टन टीएनटी के ज़ोर का विस्फोट किया होगा। तुलना के लिये यह मानव द्वारा किये गये सबसे शक्तिशाली हाईड्रोजन बम के धमाके से २० लाख गुना अधिक है।<ref name="Alvarez">{{cite journal|title=Extraterrestrial cause for the Cretaceous–Tertiary extinction|author=Alvarez, LW, Alvarez, W, Asaro, F, and Michel, HV|year=1980|journal=Science|volume=208|issue=4448|pages=1095–1108|doi=10.1126/science.208.4448.1095|pmid=17783054|bibcode=1980Sci...208.1095A}}</ref>
 
== इन्हें भी देखें ==