"कणाद": अवतरणों में अंतर
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| accessdate=१३ अप्रैल २०१३
|location=[[उज्जैन]]}}</ref>
==कण सिद्धान्त==
भौतिक जगत की उत्पत्ति सूक्ष्मातिसूक्ष्म कण परमाणुओं के संघनन से होती है- इस सिद्धांत के जनक महर्षि कणाद थे।
==गति के नियम==
इसके अलावा महर्षि कणाद ने ही [[न्यूटन]] से पूर्व गति के तीन नियम बताए थे। <ref>[http://hindi.webdunia.com/sanatan-dharma-article/परमाणु-सिद्धांत-के-असली-जनक-तो-ये-हैं-114080700018_1.htm परमाणु सिद्धांत के असली जनक तो ये हैं...] (वेबदुनिया)</ref>
: '' वेगः निमित्तविशेषात कर्मणो जायते। वेगः निमित्तापेक्षात कर्मणो जायते नियतदिक क्रियाप्रबन्धहेतु। वेगः संयोगविशेषविरोधी॥'' [[वैशेषिक दर्शन]]
: अर्थात् वेग या मोशन (motion) पांचों द्रव्यों पर निमित्त व विशेष कर्म के कारण उत्पन्न होता है तथा नियमित दिशा में क्रिया होने के कारण संयोग विशेष से नष्ट होता है या उत्पन्न होता है।
== संदर्भ ==
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