"उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान, लखनऊ" के अवतरणों में अंतर
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'''हिंदी''' के अखिल भारतीय स्वरूप को समस्तरीय बनाने के लिए तथा संपूर्ण राष्ट्र में इसके शिक्षण को मजबूत आधार प्रदान करने के उद्देश्य से १९ मार्च, १९६०
* हिंदी शिक्षकों को प्रशिक्षित करना । ▼
मंडल के प्रमुख कार्य निम्नलिखित निर्धारित किए गए: -
* हिंदी शिक्षण के क्षेत्र में अनुसंधान के लिए सुविधाएँ उपलब्ध करवाना । ▼
* उच्चतर हिंदी भाषा एवं साहित्य और भारतीय भाषाओं के साथ हिंदी के तुलनात्मक भाषाशास्त्रीय अध्ययन के लिए सुविधाएँ उपलब्ध करवाना । ▼
* हिंदीतर प्रदेशो के हिंदी अध्येताओं की समस्याओं को सुलझाना । ▼
* भारतीय संविधान के अनुच्छेद 351 में उल्लिखित हिंदी भाषा के अखिल भारतीय स्वरूप के विकास के लिए प्रदत्त निर्देशों के अनुसार हिंदी को अखिल भारतीय भाषा के रूप मे विकसित करने के लिए समुचित कार्रवाई करना । ▼
▲* उच्चतर हिंदी भाषा एवं साहित्य और भारतीय भाषाओं के साथ हिंदी के तुलनात्मक भाषाशास्त्रीय अध्ययन के लिए सुविधाएँ उपलब्ध
* भारत सरकार द्वारा ''केंद्रीय हिंदी शिक्षण मंडल'' को अखिल भारतीय हिंदी प्रशिक्षण महाविद्यालय के संचालन का दायित्व सौंपा गया । इस महाविद्यालय का नाम १ जनवरी, १९६३ को ''केंद्रीय हिंदी शिक्षण महाविद्यालय'' रखा गया तथा दिनांक १९ अक्टूबर, १९६३ को संपन्न शासी परिषद् की बैठक में इसे बदलकर ''केंद्रीय हिंदी संस्थान'' कर दिया गया। केंद्रीय * हिंदी संस्थान का मुख्यालय आगरा में है। इसके आठ केंद्र- दिल्ली, हैदराबाद, गुवाहाटी, शिलांग, मैसूर, दीमापुर,भुवनेश्वर तथा अहमदाबाद हैं।▼
▲* भारतीय संविधान के अनुच्छेद 351 में उल्लिखित हिंदी भाषा के अखिल भारतीय स्वरूप के विकास के लिए प्रदत्त निर्देशों के अनुसार हिंदी को अखिल भारतीय भाषा के रूप मे विकसित करने के लिए समुचित कार्रवाई
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{{हिन्दी सेवी संस्थाएं}}
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