"नरेन्द्र देव": अवतरणों में अंतर

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किंतु प्रकाशित रचनाओं से शायद अधिक बेजोड़ उनके भाषण रहे हैं। इस बात का कई बार विचार हुआ कि उनके भाषणों का संग्रह किया जाए, किंतु व्यवस्था न हो सकी, और इस तरह ज्ञान की एक अमूल्य निधि खो गई।
 
आचार्य नरेंद्रदेव जी ने "विद्यापीठ" त्रैमासिक पत्रिका, "समाज" त्रैमासिक, "जनवाणी" मासिक, "संघर्ष" और "समाज" साप्ताहिक पत्रों का संपादन किया। इनमें जो लेख, टिप्पणियाँ वगैरह समय-समय पर प्रकाशित हुए हैं, उनके संग्रह हैं : राष्ट्रीयता और समाजवाद, समाजवाद : लक्ष्य तथा साधन, सोशलिस्ट पार्टी और माक्र्सवादमार्क्सवाद, भारत के राष्ट्रीय आंदोलन का इतिहास, युद्ध और भारत, किसानों का सवाल आदि।