"अभिजात सिद्धान्त": अवतरणों में अंतर

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'''[[हेरॉल्ड डी0 लैसवेल]]''' ने राजनीतिक अभिजनों पर विशेष ध्यान दिया है। इनके शब्दों में राजनीतिक अभिजनों में राजनीतिक निकाय के सत्ताधारियों का समावेश होता है। सत्ताधारियों में वह नेतृत्व तथा सामाजिक रचना भी सम्मिलित है जिसमें नेताओं का उद्भव होता है तथा जिसके प्रति किसी निश्चित अवधि तक वे उत्तरदायी होते हैं।
 
लैसवेल के समान '''[[रेमण्ड एस]]''' ने भी अभिजन वर्ग को मुख्यतः शासक वर्ग ही माना है जो अल्प-संख्या में होता है। इन्होंने अभिजन वर्ग एवं अन्य समाजिक वर्गो के बीच सम्बन्ध स्थापित करने का प्रयास किया है तथा बुद्धिजीवी अभिजनों के सामाजिक प्रभाव का विवेचन किया है जो कि राजनीतिक सत्ता की व्यवस्था का अंग नहीं होते।
 
'''[[टी0बी0 बॉटोमोर]]''' ने उपर्युक्त विद्वानों के विचारों से इस आधार पर असहमति प्रकट की है कि उन्होंने अभिजन के सिद्धान्त में निहित विचारधारा की ओर कोई ध्यान नहीं दिया है। बॉटोमोर के अनुसार अभिजन की अवधारणा प्रजातंत्र के महत्व के विरोध में विकसित हुई है। इनके अनुसार ‘आज अभिजन शब्द का प्रयोग आमतौर पर वस्तुतः उन प्रकार्यात्मक, मुख्यतः व्यावसायिक समूहों के लिए किया जाने लगा है जिनको समाज में (किसी भी कारण वश) उच्च स्थान प्राप्त है। इनके विचारों में अधिक नवीन काल के समाजशास्त्रियों ने अभिजन शब्द का प्रयोग अधिक छोटे व अधिक संगठित समूहों के लिए किया है जो कम अथवा अधिक रूप से पारस्परिक रूप से सयुंक्त सामाजिक वर्गों से सम्बन्धित हो सकते हैं। बाटोमोर के विचार में रेमण्ड एरन ही एक मात्र विद्वान हैं जिन्होंने अभिजन वर्ग में सम्बन्ध का अध्ययन किया है तथा यह बताने की चेष्टा की है कि वर्गो के उन्मूलन (उत्पादन के साधनों के निजी स्वामित्व को समाप्त करने के अर्थ में ) से सामाजिक स्तरीकरण, अभिजनों का निर्माण एवं राजनैतिक सत्ता की विषमताओं की समस्या का समाधान नहीं होगा। दूसरे शब्दों में अभिजनों का अस्तित्व प्रत्येक प्रकार के समाज एवं राजनीतिक व्यवस्था में बना रहेगा।
 
उपर्युक्त विवेचन से स्पष्ट होता है कि अभिजन की कोई एक सर्वमान्य परिभाषा नही हैं तथा सामान्यतः संभ्रातजनों में उन व्यक्तियों को सम्मिलित किया जाता है जो सामाजिक, आर्थिक तथा राजनीतिक दृष्टि से अन्य व्यक्तियों अर्थात जन साधारण की अपेक्षा उच्च स्थिति रखते हैं इस विवेचन से हमें पता चलता है कि संभ्रातजन विविध प्रकार के हैं जैसे कि शासक वर्ग, शक्तिशाली संभ्रांतजन, बुद्धिजीवी वर्ग, प्रबन्धक, नौकरशाह तथा सैनिक अधिकारी इत्यादि।
 
==इन्हें भी देखें==
*[[अभिजातवाद]]
*[[अभिजाततंत्र]]
 
[[श्रेणी:समाजशास्त्र]]