"सिरसा": अवतरणों में अंतर
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'''सिरसा''' भारत के [[हरियाणा]] प्रदेश का एक शहर और इसी नाम के जिले का मुख्यालय है। इस शहर के पास [[भारतीय वायुसेना]] का हवाइ अड्डा स्थित है।
==इतिहास==▼
▲इतिहास
सिरसा में उप उष्ण कटिबंधीय जलवायु रहती है, जहां गर्मी, बरसात और सर्दी तीनों मौसम का आनंद उठाया जा सकता है।▼
सिरसा, पूरे देश से वायु, रेल और सड़क मार्ग से भली - भांति तरीके से जुड़ा हुआ है।▼
इतिहास, सिरसा आजतक▼
▲एक सितंबर 1975 को बना जिला, हरियाणा के अंतिम छोर पर पश्चिम में बसा हुआ सिरसा धर्म, राजनीति और साहित्य के क्षेत्र में अपनी पूरी पहचान बना चुका है। आज आर्थिक रूप से संपन्न सिरसा का जन्म महाभारत काल और आजादी से भी पहले हुआ था। सरस्वती नदी के तट पर बसा होने के कारण पहले सिरसा का नाम सरस्वती नगर ही हुआ करता था। डेरा सरसाई नाथ के नाम पर इसका गहरा संबंध बताया जाता है। सिरसा नगर का इतिहास प्राचीन एवं गौरवपूर्ण है। सिरसा का प्राचीन नाम सिरशुति व कुछ स्थानों पर सिरसिका लिखा पाया जाता है। पाणिनी की अष्टाध्यायी में भी सिरसका का वर्णन है। सन 1330 में मुलतान से चल कर दिल्ली आए प्रसिद्ध अरबी यात्री इब्नबतूतता ने भी सिरसुति नगर में पड़ाव करने का वर्णन किया है। उसने सिरसा में एक सूबेदार के होने का जिक्र किया है। धीरे-धीरे इसका नाम सिरसा प्रचलित हो गया।
धन वैभव की बहुलता के कारण यह बाहरी आक्रमणकारियों राजाओं के लिए आर्कषण का केंद्र भी रहा है। सन 1398 में भाटीनगर उर्फ भटनेर (हनुमानगढ़) को विजय करने के पश्चात तैपूरलंग सिरसा से फतेहाबाद व टोहाना की ओर अग्रसर हुआ था। मोहम्मद गजनवी के आक्रमणों का भी यह नगर शिकार रहा है। महाराजा अग्रसैन ने मोहम्मद गोरी को इसी धरा पर दो बार परास्त किया था और उसे जान बचाकर भागना पड़ा था। दरअसल सल्तनत काल में दिल्ली के सुल्तान अल्तमश ने सन् 1212 में सर्वप्रथम जैसलमेर से आए हेमल भट्टी को सिरसा का गर्वनर नियुक्त किया था। उसी के वंशजो ने भटनेर बसाया था। मध्य काल में यह नगर रानियां रियासत के अधीन था। इसके शासकों में हयात खां भट्टी (सन् 1680 से 1700), हसन खां भट्टी (सन् 1700 से 1714), अमीर खां भट्टी (सन् 1714 से 1752), मोहम्मद अमीन खां भट्टी (सन् 1752 से 1784), कमरूद्दीन खां भट्टी (सन् 1784 से 1801), जाबिता खां भट्टी (सन् 1801 से 1818) और नूर मुहम्मद खां भट्टी (सन् 1857) शामिल हैं।
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सुचान : यह सिरसा से पूर्व में 16 किमी. की दूरी पर स्थित है, यहां के टीले में मध्यकालीन युग के बर्तनों के टुकड़े मिले
==भूगोल==
इसके साथ रेजीडेन्शियल सैक्टर में भी रीयल एस्टेट और टाऊनशिप में भी सिरसा के बढ़ते कदम साफ दिखाई दे रहे हैं। ईरा ग्रुप, ग्लोबल स्पेस तथा हुड्डा सैक्टर व शहर की प्राईवेट कॉलोनियां डेवैलप्मैंट में पूरा योगदान कर रहे हैं। इससे सिरसा में प्रोपर्टी डीलरों की बाढ़ सी आ गई लगती है। खेल और साहित्य के क्षेत्र में सिरसा ने बहुत तरक्की की है। खेलों में भारतीय हॉकी टीम ने अंतर्राष्ट्रीय खिलाड़ी सरदारा सिंह (संतनगर) और हरप्रीत सिंह जैसे धुरंधर खिलाड़ी दिए हैं, जो सिरसा ही नहीं, देश व एशिया के लिए गौरव की बात है, क्योंकि वल्र्ड इलेवन टीम में शामिल होने वाला सरदारा सिंह एशिया महाद्वीप का एकमात्र खिलाड़ी है। वो वर्ष 2008 में भारतीय टीम का कप्तान भी रहा है। रस्साकशी में जिले के गांव हरिपुरा की टीम सात बार राष्ट्रीय चैंपियन रह चुकी है। वर्ष 2011 में सीबीएसई की दसवीं की परीक्षा में देश में टॉप रहने वाली डेरा सच्चा सौदा में अध्ययन कर रही गुरअंश ने 2010 में फरीदाबाद में शूटिंग में स्वर्ण पदक जीतकर सिरसा का नाम रोशन किया है।▼
=== जलवायु===
▲सिरसा में उप उष्ण कटिबंधीय जलवायु रहती है, जहां गर्मी, बरसात और सर्दी तीनों मौसम का आनंद उठाया जा सकता है।
===आवागमन==
▲सिरसा, पूरे देश से वायु, रेल और सड़क मार्ग से भली - भांति तरीके से जुड़ा हुआ है।
▲इतिहास, सिरसा आजतक
==आर्थिक==
एक सितंबर 1975 को बना जिला, हरियाणा के अंतिम छोर पर पश्चिम में बसा हुआ सिरसा धर्म, राजनीति और साहित्य के क्षेत्र में अपनी पूरी पहचान बना चुका है। आज आर्थिक रूप से संपन्न सिरसा का जन्म महाभारत काल और आजादी से भी पहले हुआ था। सरस्वती नदी के तट पर बसा होने के कारण पहले सिरसा का नाम सरस्वती नगर ही हुआ करता था। डेरा सरसाई नाथ के नाम पर इसका गहरा संबंध बताया जाता है।
वर्ष 2007 में कोलकाता में आयोजित हुई एशियन महिला रोलर स्केटिंग हॉकी चैंपियनशिप में विजेता भारतीय टीम में 12 में 10 खिलाड़ी सिरसा से ही संबंध रखते हैं। शाह सतनाम जी शिक्षण संस्थान के विद्यार्थियों ने देश और विदेशों में आयोजित क्रिकेट, जूडो, योगा तथा एथेलेटिक इत्यादि में अनेकों स्वर्ण पदक, कांस्य पदक आदि जीतकर जिले का नाम विश्वभर में दर्ज किया है। खेलों के साथ-साथ फिल्म नगरी में सिरसा के फोटोग्राफर मनमोहन सिंह और टीवी सीरियल कलाकार गौतम सौगात व प्रवीण अरोड़ा के नाम जाने-जाते हैं। साहित्यक नगरी के नाम से पुकारे जाने वाले इस पवित्र नगरी में भिन्न-भिन्न साहित्यक संस्थान समय-समय पर सांस्कृतिक कार्यक्रमों के माध्यम से जनता में हास्यरस, वीर रस तथा देश प्रेम की भावना जागृत करते हुए क्षेत्रवासियों का मनोरंजन भी करती रहती हैं। शहर की सामाजिक संस्थाए नेत्रदान, देहदान, रक्तदान तथा अन्य मैडीकल कैंप के आयोजन करने के साथ-साथ जरूरतमंदों को आर्थिंक सहायता पहुंचाने के मुख्य काम में जुटी हुई हैं। सिरसा जिले के नाम सबसे ज्यादा रक्तदान करने का गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड है। इस के साथ सिरसा के डेरा सच्चा सौदा के नाम 18 अन्य गिनीज वर्ल्ड कीर्तिमान है।
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जीटीएम और शूगर मिल समेत अन्य अनेक औद्योगिक इकाईयों का लुप्त हो जाना क्षेत्रवासियों के लिए उदासीनता का विषय है। युवाओं को स्वावलंबी बनाने हेतु औद्योगिक सफर में जिले की तरक्की के लिए प्रशासन एवं सरकार द्वारा पूरा ध्यान दिया जाना चाहिए। कुल मिलाकर जहां एक ओर सरकार तथा प्रशासन ने सिरसा में चहुंमुंखी विकास का प्रयास किया है, वहीं भिन्न-भिन्न राजनैतिक विचार धारा और भिन्न-भिन्न धार्मिक आस्थाओं के बावजूद यहां की शांतिप्रिय जनता ने भी सिरसा की प्रगति में एक अहम भूमिका निभाई है। आशा की जानी चाहिए कि भविष्य में भी इस क्षेत्र के वासी परस्पर प्रेम और सहयोग की भावना से शहर की उन्नति में अपना योगदान देते रहे
▲इसके साथ रेजीडेन्शियल सैक्टर में भी रीयल एस्टेट और टाऊनशिप में भी सिरसा के बढ़ते कदम साफ दिखाई दे रहे हैं। ईरा ग्रुप, ग्लोबल स्पेस तथा हुड्डा सैक्टर व शहर की प्राईवेट कॉलोनियां डेवैलप्मैंट में पूरा योगदान कर रहे हैं। इससे सिरसा में प्रोपर्टी डीलरों की बाढ़ सी आ गई लगती है। खेल और साहित्य के क्षेत्र में सिरसा ने बहुत तरक्की की है। खेलों में भारतीय हॉकी टीम ने अंतर्राष्ट्रीय खिलाड़ी सरदारा सिंह (संतनगर) और हरप्रीत सिंह जैसे धुरंधर खिलाड़ी दिए हैं, जो सिरसा ही नहीं, देश व एशिया के लिए गौरव की बात है, क्योंकि वल्र्ड इलेवन टीम में शामिल होने वाला सरदारा सिंह एशिया महाद्वीप का एकमात्र खिलाड़ी है। वो वर्ष 2008 में भारतीय टीम का कप्तान भी रहा है। रस्साकशी में जिले के गांव हरिपुरा की टीम सात बार राष्ट्रीय चैंपियन रह चुकी है। वर्ष 2011 में सीबीएसई की दसवीं की परीक्षा में देश में टॉप रहने वाली डेरा सच्चा सौदा में अध्ययन कर रही गुरअंश ने 2010 में फरीदाबाद में शूटिंग में स्वर्ण पदक जीतकर सिरसा का नाम रोशन किया है।
== संदर्भ ==
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