"लेबर पार्टी (यूके)": अवतरणों में अंतर
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१८९५ के आम चुनावों में स्वतंत्र मजदूर दल ने अपने २८ उम्मीदवार उतारे लेकिन उन्हें सिर्फ ४४३२५ वोट ही मिले। दल के नेता कीर हार्डी को इस बात का एहसास हो गया था कि चुनावों में सफलता पाने के लिए अन्य [[वामपंथी]] दलों के साथ मिलकर चुनाव लडना होगा। <!-- Hardie's roots as a lay preacher contributed to an ethos in the party which led to the comment by 1950s General Secretary Morgan Phillips that "Socialism in Britain owed more to Methodism than Marx".<ref>p.131 The Foundations of the British Labour Party by Matthew Worley ISBN 9780754667315</ref> -->
===लेबर प्रतिनिधि सभा===
[[Image:jameskeirhardie.jpg|thumb|upright|[[
१८९९ में रेलवे कर्मचारियों की संस्था के एक सदस्य थॉमस आर. स्टील ने मजदूर संघ सभा के सामने सभी मजदूर संघों, गुटो और वामपंथी राजनीतिक दलों की बैठक बुलाकर उन्हें एक बैनर तले लाने का प्रयास करे और संगठित संस्था के उम्मीदवारों को संसदीय चुनावों में मदद करे। यह प्रस्ताव मजदूर संघ की सभा में हर स्तर पर मंजूर हो गया और सभी समान विचारधारा वाले दलों और गुटों की बैठक फैरिंगटन मार्ग के मेमोरियल हॉल में २६-२७ फरवरी १९०० को बुलाई गई। इस बैठक में भारी संख्या में कामकाज़ी लोगों, मजदूरों और वामपंथी विचारधारा वाले दलों ने हिस्सा लिया। <ref>{{cite web|url=http://www.socialisthistorysociety.co.uk/MORTIMER.HTM|title=‘The formation of the Labour Party – Lessons for today’|author=जिम मोर्टिमेर|year=2000|quote=जिम मोर्टिमेर १९८० में लेबर दल के महामंत्री थे।}}</ref>
बहस के बाद १२९ सदस्यों ने थॉमस के संसद में एक बैनर तले ऐसी पार्टी बनाने के प्रस्ताव को हरी झंडी दे दी जिसका अपना [[wikt:व्हिप]] होगा और जो मजदूरों के हितों के लिये काम करने वाली और कानून बनाने में सहायता करने वाली किसी भी संस्था अथवा दल का हर तरह से समर्थन करेगी।<ref>{{cite web|title=Collection highlights|url=http://www.phm.org.uk/our-collection/1906-labour-party-minutes/|publisher=पीपल्स हिस्ट्री संग्रहालय|accessdate=2 जून 2015}}</ref> इस तरह से ''लेबर रिप्रज़ेंटेशन कमेटी'' यानि मजदूर प्रतिनिधि सभा का गठन हुआ जिसका काम उन सांसदों को समर्थन देना था जो मजदूर सभाओं द्वारा अनुदूत थे और कामकाज़ी वर्ग के लोगों के हितों को संसद में उठाते थे।<ref name="Thorpe" /> इसका कोई एक अकेला नेता नहीं था और इस परिस्थिति में स्वतंत्र मजदूर दल के [[रामसे मैक्डोनाल्ड]] को मंत्री चुना गया। उनके पास प्रतिनिधि सभा (एलार्सी) में विभिन्न लोगों के विभिन्न मतों के बीच समन्व्य बनाने की महत्वपूर्ण और कठिन जिम्मेदारी थी। १९०० के ब्रिटिश आम चुनाव पार्टी के लिए बेहद नये थे और उसे प्रचार करने का बहुत समय भी नहीं मिला और पूरा चुनाव खर्च सिर्फ ३३ [[पाउंड]] आया।<ref>{{cite book|authr=राइट टी. & कार्टर एम.|year=1997|title=''"The People's Party"''|trans_title==लोगों का दल|publisher=थेम्स & हडसन|ISBN=0-500-27956-x}}</ref> सिर्फ १५ उम्मीदवारों का समर्थन और अप्रचार किया गया जिसमें से सिर्फ २ ही सफल हुए; मेर्थियर टाय्डफिल निर्वाचन क्षेत्र से [[कीर हार्डी]] और [[डर्बी]] से रिचर्ड बेल।<ref name="A History Of The British Labour Party">{{cite book|author=Thorpe, Andrew |year=2001|title=''A History Of The British Labour Party''|trans_title=ब्रिटिश लेबर पार्टी का इतिहास|publisher=पालग्रेव|ISBN=0-333-92908-x}}</ref>
''एलार्सी'' के लिये तब समर्थन ज्यादा बना जब १९०१ में हडतालियों और रेलवे कंपनी के बीच हुए [[टैफ़ वेल विवाद]] के बाद उस मजदूर संघ को २३००० पाउंड हर्ज़ाना भरने का आदेश दिया गया। यह न्यायिक आदेश मजदूरों के हितों के सर्वथा खिलाफ था क्यूंकि इसके बाद कम्पनियाँ हणताल के दौरान हुए व्यापारिक नुकसान की भरपाई मजदूरों की तनख्वाह से कर सकती थी। इसके बाद उस समय की आर्थर बालफोर की [[ब्रिटिश कंज़र्वेटिव पार्टी|कंज़र्वेटिव पार्टी]] की औद्मोगिक और व्यापार समर्थक नीतियों और मजदूरों के हितों की तरफ ध्यान ना देने की वजह से लेबर पार्टी को समर्थन और बढता गया।<ref name="A History Of The British Labour Party"/>
[[Image:LabourPartyPlaque.jpg|thumb|left|
इसके बाद १९०६ के आम चुनावों में एलार्सी ने २९ सीटें जीती। ऐसा रामसे मैक्डोनाल्ड और लिबरल दल के बीच हुए एक [[लिब-लैब समझौता|छुपे हुए समझौते]] की बदौलत हो सका जो की चुनाव में मजदूरों के वोटों को लिबरल और लेबर के बीच में बटने ना देने की रणनीति के तहत किया गया था।<ref name="A History Of The British Labour Party"/>
चुनाव बाद अपनी पहली बैठक में सदस्यों ने आधिकारिक तौर पर १५ फरवरी १९०६ को इस सामूहिक दल का नाम '''''लेबर पार्टी''''' करने का निर्णय लिया। पार्टी को स्थापित करने में अग्रणी भूमिका निभाने वाले कीर हार्डी को संसद में नवगठित लेबर दल का चेयरमैन और नेता चुना गया जो कि विभिन्न अंदरूनी चुनावों के बाद इंडिपेंडेंट लेबर पार्टी के डेविड शैक्लटन से १ वोट से आगे थे। दल के शुरुवाती वर्षों में [[इंडिपेंडेंट लेबर पार्टी]] ने संगठन के लिए अपने तमाम कार्यकर्ता और [[फैबियन सोसाइटी]] ने पार्टी के लिए बौद्धिक तंत्र उपलब्ध करवाया। लिबरल सरकार के प्राथमिक निर्णयों में से एक टैफ़ वेल निर्णय को पलटना था।<ref name="A History Of The British Labour Party"/>
[[मैनचेस्टर]] के [[पीपल्स हिस्ट्री म्यूजियम]] में १९०६ में हुए लेबर दल के उस बैठक के वार्तालाप और बहस की पांडुलिपि रखी हुई है और जनता के लिए मुख्य दीर्घा में दृश्य है।<ref>{{cite web|title=Collection Highlights, 1906 Labour Party minutes |publisher=पीपल्स हिस्ट्री संग्रहालय |url=http://www.phm.org.uk/our-collection/1906-labour-party-minutes/}}</ref>इसके अलावा संग्रहालय में १९०० से लेकर अभी तक के लेबर दल से संबंधित तमाम अन्य सामग्रियाँ भी रखी हुई हैं। <ref>{{cite web|title=The Labour Party Archive Catalogue & Description|publisher=पीपल्स हिस्ट्री संग्रहालय |url=http://www.phm.org.uk/archive-study-centre/online-catalogue/}}</ref>
===Early years and rise===
The [[United Kingdom general election, December 1910|1910 election]] saw 42 Labour MPs elected to the House of Commons, a significant victory since, a year before the election, the House of Lords had passed the [[Osborne judgment]] ruling that Trades Unions in the United Kingdom could no longer donate money to fund the election campaigns and wages of Labour MPs. The governing Liberals were unwilling to repeal this judicial decision with primary legislation. The height of Liberal compromise was to introduce a wage for Members of Parliament to remove the need to involve the Trade Unions. By 1913, faced with the opposition of the largest Trades Unions, the Liberal government passed the Trade Disputes Act to allow Trade Unions to fund Labour MPs once more.
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