"टंगस्टन": अवतरणों में अंतर

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{{ज्ञानसन्दूक तत्व|
[[चित्र:Filament.jpg|right|thumb|300px|टंग्स्टन से निर्मित फिलामेण्ट का आरम्भिक भाग]]
English big=Tungsten|
'''टंग्स्टन''' (Tungsten) अथवा '''वोल्फ्राम''' (Wolfram) [[आवर्त सारणी]] के छठे अंतर्वर्ती समूह (transition group) का तत्व है। प्राकृतिक अवस्था में इसके पाँच स्थायी [[समस्थानिक]] पाए जाते हैं, जिनकी द्रव्यमान संख्याएँ 180, 182, 183, 184 तथा 186 हैं। इनके अतिरिक्त 181, 185 तथा 187 द्रव्यमान संख्याओं के [[रेडियधर्मी]] समस्थानिक कृत्रिम साधनों द्वारा निर्मित हुए हैं।
English small=Tungsten|
symbol=W |
atomic number 1=74 |
atomic number 3=074 |
chemical series=संक्रमण धातु|
}}
[[चित्र:Filament.jpg|right|thumb|300px|टंग्स्टनटंगस्टन से निर्मित फिलामेण्ट का आरम्भिक भाग]]
'''टंग्स्टनटंगस्टन''' (Tungsten) अथवा '''वोल्फ्राम''' (Wolfram) [[आवर्त सारणी]] के छठे अंतर्वर्ती समूह (transition group) का तत्व है। प्राकृतिक अवस्था में इसके पाँच स्थायी [[समस्थानिक]] पाए जाते हैं, जिनकी द्रव्यमान संख्याएँ 180, 182, 183, 184 तथा 186 हैं। इनके अतिरिक्त 181, 185 तथा 187 द्रव्यमान संख्याओं के [[रेडियधर्मी]] समस्थानिक कृत्रिम साधनों द्वारा निर्मित हुए हैं।
 
18वी शताब्दी तक टंग्स्टनटंगस्टन के अयस्क टिन के ही यौगिक माने जाते थे। सन् 1781 में शेले (Scheele) नामक वैज्ञानिक ने यह सिद्ध किया कि इसके अयस्क में नवीन अम्ल वर्तमान है, जिसे उसने टंग्स्टिक अम्ल कहा। इसके बाद धातु द्वारा इस अम्ल के निर्माण की भी पुष्टि हुई। इस तत्व के दो मुख्य अयस्क हैं : शीलाइट (Scheelite) और वोल्फ्रमाइट (Wolframite)। शीलाइट अयस्क में प्रधानत:- कैल्सियम टंग्स्टेट, (Ca WO4), रहता है और वोल्फ्रेमाइट में लौह तथा मैंगनीज टंग्स्टेट, (FeWO4. Mn WO4), का संमिश्रण रहता है। टंग्स्टन के मुख्य उत्पादक [[बर्मा]], [[चीन]], [[जापान]], [[बोलिविया]], [[संयुक्त राज्य अमेरिका]] और [[आस्ट्रेलिया]] हैं।
 
टंग्स्टन अयस्क को सांद्रित कर सोडियम कार्बोनेट, (Na2CO3), से मिलाकर परावर्तन भ्राष्ट्र में लगभग 1,0000 सें0 तक गरम करते हैं। इस क्रिया द्वारा सोडियम टंग्स्टेट, (Na2WO4), बनता है ओर लौह, मैंगनीज आदि अपने कार्वोनेटों में परिणत हो जाते हैं। सोडियम टंग्स्टेट गरम पानी में विलेय है और इस प्रकार सम्मिश्रण से अलग हो सकता है। तत्पश्चात उबलते हाइड्रोक्लोरिक अम्ल, हाक्लो (HCl), की क्रिया द्वारा टंग्स्टिक अम्ल अवक्षेपित हो जाता है, जिसे सुखाकर दहन करने पर पीले रंग का टंग्स्टन ऑक्साइड, (WO2), मिलता है। हाइड्रोजन द्वारा ऑक्साइड के अवकरण से टंग्स्टन धातु तैयार होती है।
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* [http://www.itia.info/ International Tungsten Industry Association]
 
[[श्रेणी:संक्रमण धातु]]
[[श्रेणी:रासायनिक तत्व]]
[[श्रेणी:उच्चतापसह धातुएँ]]