"पीआईडी नियंत्रक": अवतरणों में अंतर

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[[चित्र:Pid-feedback-nct-int-correct.png|right|thumb|250px|पीआईडी नियंत्रक का ब्ळॉकब्लॉक आरेख]]
[[नियंत्रण सिद्धांत]] में '''पीआईडी नियंत्रक''' (PID Controller या proportional–integral–derivative controller) औद्योगिक प्रक्रमों के नियंत्रण में बहुतायत में प्रयोग किया जाने वाला कंट्रोलर (या कंपन्सेटर) है। इसे 'पीआईडी नियंत्रक' इसलिये कहते हैं क्योंकि इसका आउटपुट त्रुटि-संकेत (एरर) से व्युत्पन्न तीन पदों के योग के बराबर होता है। इनमें से पहला त्रुटि के समानुपाती, दूसरा त्रुटि के समाकलन (इंटीग्रेशन) के समानुपाती और तीसरा त्रुटि के अवकलज के समानुपाती होता है (चित्र देंखें)। वांछित आउटपुट (संदर्भ संकेत) एवं आउटपुट के वर्तमान मान का अंतर 'त्रुटि' कहलाता है। इस नियंत्रक में निहित तीन समानुपाती नियतांकों (समानुपाती नियतांक '''KP''', समाकलन नियतांक '''KI''' तथा अवकलज नियतांक '''KD''') का समुचित चुनाव करके [[नियंत्रण प्रणाली]] को वांछित रूप में नियंत्रित किया जाता है। KP, KI, KD के मान गणना द्वारा सिमुलेशन द्वारा निकाल सकते हैं। व्यवहार में (किसी चालू तंत्र में) इन्हें निकालने की कुछ चरणबद्ध विधियाँ भी कुछ लोगों ने सुझाईं है जिनमें से [[जिगलर-निकोल्स की विधि]] प्रसिद्ध है।
 
== पीआईडी को ट्यून करने की विधियाँ ==
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== संदर्भ ==