"आघातवर्धनीयता": अवतरणों में अंतर

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किसी पदार्थ को दबाने पर (या संपीडक प्रतिबल की स्थिति में) विकृत होकर दाब के लम्बवत दिशा में फैलने का गुण '''आघातवर्धनीयता''' (Malleability) कहलाता है। आघातवर्धनीय पदार्थों को हथौड़े से पीटकर या बेलकर (रोलिंग करके) आसानी से चपटा किया जा सकता है। [[धातु]]एँ प्रायः आघातवर्धनीय हैं। [[सोना]], [[लोहा]], [[अलुमिनियम]], [[ताँबा]], [[पीतल]], [[चाँदी]], [[सीसा]] आदि आघातवर्धनीय हैं। आधुनिक [[आवर्त सार्णी]] के १ से १२ तक के समूहों के तत्त्व आघातवर्धनीय हैं।
#पुनर्प्रेषित[[तन्यता]]
 
==इन्हें भी देखें==
*[[तन्यता]]
*[[भंगुरता]]
 
[[श्रेणी:पदार्थ के गुण]]