"मुसाफिरखाना": अवतरणों में अंतर

छो बॉट: लाघव चिह्न (॰) का प्रयोग।
पंक्ति 67:
* बाबा नंद महर : यह भगवान कृष्ण जी की स्मृति में यादवों द्वारा बनवाया गया मंदिर है। ऐसी मान्यता है कि यहाँ भगवान श्री कृष्ण अपने बचपन में आए थे। यह मंदिर यादवों के राजा भगवान राजा बलि और पवारिया के लिए भी प्रसिद्ध है। हर मंगलवार को लोग दूध के साथ यहाँ आते हैं व पूजा अर्चना करते हैं। यहाँ हर वर्ष हिन्दी माह कार्तिक पूर्णिमा को एक बड़ा और लोकप्रिय मेला लगता है। प्रमुख बात यह है कि अलग अलग ज़िलों से ([[ अमेठी| अमेठी]], [[फ़ैज़ाबाद| फैजाबाद]], बहराइच, गोंडा, अम्बेडकरनगर, प्रतापगढ़, राय बरेली,[[ बाराबंकी | बाराबंकी ]]) लोग आते हैं व पूजा अर्चना करते हैं।
 
* दुर्गन भवानी: यह देवी माँ दुर्गा एवं पवन पुत्र [[ हनुमान ]] का प्रसिद्ध मंदिर है।
* दुर्गन भवानी:
यह देवी माँ दुर्गा एवं पवन पुत्र [[ हनुमान ]] का प्रसिद्ध मंदिर है।
 
 
* संतोषी माता: यह बहुत ही मशहूर देवी संतोषी का मंदिर है। यह मंदिर मुसाफिरखाना से 6 कि॰मी॰ दूर जामो रोड पर है। संतोषी माता मंदिर तिवारी का पुरवा, बरहेती गांव में है। यहाँ हर शुक्रवार को लोग आते हैं और अपने कल्याण के लिए कामना करते हैं।
* संतोषी माता:
यह बहुत ही मशहूर देवी संतोषी का मंदिर है। यह मंदिर मुसाफिरखाना से 6 कि॰मी॰ दूर जामो रोड पर है। संतोषी माता मंदिर तिवारी का पुरवा, बरहेती गांव में है। यहाँ हर शुक्रवार को लोग आते हैं और अपने कल्याण के लिए कामना करते हैं।
 
== जनसांख्यिकी ==