"खुदीराम बोस": अवतरणों में अंतर
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[[चित्र:Khudiram Bose 1905 cropped.jpg|thumb|right|
'''खुदीराम बोस''' ([[बांग्ला]]: ক্ষুদিরাম বসু
== जन्म व प्रारम्भिक जीवन ==
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== क्रान्ति के क्षेत्र में ==
स्कूल
== राजद्रोह के आरोप से मुक्ति ==
[[चित्र:Bengali revolutionary Khudiram Bose under guard..jpg|right|thumb|300px|खुदीराम बसु अंग्रेज सिपाहियों की गिरफ्त में]]
फरवरी १९०६ में मिदनापुर में एक औद्योगिक तथा कृषि प्रदर्शनी लगी हुई थी। प्रदर्शनी देखने के लिये आसपास के प्रान्तों से सैंकडों लोग आने लगे। बंगाल के एक क्रांतिकारी सत्येंद्रनाथ द्वारा लिखे ‘सोनार बांगला’ नामक ज्वलंत पत्रक की प्रतियाँ खुदीरामने इस प्रदर्शनी में बाँटी। एक पुलिस वाला उन्हें पकडने के लिये भागा। खुदीराम ने इस सिपाही के मुँह पर घूँसा मारा और शेष पत्रक बगल में दबाकर भाग गये। इस प्रकरण में राजद्रोह के आरोप में सरकार ने उन पर अभियोग चलाया परन्तु गवाही न मिलने से खुदीराम निर्दोष छूट गये।
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