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1965 में, [[Nicolae Ceauşescu]] सत्ता में आये और उन्होंने स्वतंत्रता की नीतियों को लागू करना शुरू किया, जैसे एकमात्र [[वर्साय की संधि|वर्साय संधि]] का देश होते हुए सोवियत की निंदा की-[[चेकोस्लोवाकिया]] के 1968 के आक्रमण का नेतृत्व किया और 1967 के [[छह दिन का युद्ध|छह दिन के युद्ध]] के बाद [[इज़राइल|इजराइल]] के साथ कूटनीतिक संबंध जारी रखे; [[जर्मनी का संघीय गणराज्य|जर्मनी के संघीय गणराज्य]] के साथ आर्थिक (1963) और कुटनीतिक (1967) सम्बन्ध स्थापित किये.<ref>{{cite web|url=http://countrystudies.us/romania/75.htm|publisher=countrystudies.us|title=Romania: Soviet Union and Eastern Europe|publisher=Country Studies.us|accessdate=2008-08-31}}</ref> इसके अलावा, [[अरब]] देशों के साथ घनिष्ठ संबंध (और [[PLO|PLO)]]) की वजह से रोमानिया ने [[इज़राइल|इजराइल]]-[[मिस्र|इजिप्ट]] और इजराइल-[[PLO]] शांति प्रक्रियाओं में महत्वपूर्ण भूमिका निभायी.<ref>{{citeweb|url=http://countrystudies.us/romania/80.htm |publisher=countrystudies.us| title=Middle East policies in Communist Romania|publisher=Country Studies.us|accessdate=2008-08-31}}</ref> लेकिन जैसे जैसे 1977 और 1981 के बीच रोमानिया का विदेशी ऋण बहुत तेजी से बढ़ गया (3 बिलियन अमेरिकी डॉलर से बढ़ कर 10 बिलियन हो गया),<ref>{{Cite web|last=Deletant|first =Dennis|title=New Evidence on Romania and the Warsaw Pact, 1955-1989|publisher=Cold War International History Project e-Dossier Series|url=http://www.wilsoncenter.org/index.cfm?topic_id=1409&fuseaction=topics.publications&doc_id=16367&group_id=13349|accessdate=2008-08-31}}</ref> अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय संगठन का प्रभाव जैसे [[IMF]] या [[विश्व बैंक]] का प्रभाव बढा, जिससे [[Nicolae Ceauşescu|निकोले सिसेसू (Nicolae 'Ceauşescu)]] की [[अटर्की|निरंकुश]] नीतियों के प्रति विरोध बढ़ गया। अंत में उन्होंने विदेशी ऋण की पूर्ण प्रतिपूर्ति की एक परियोजना शुरू की, इसके लिए ऐसी नीतियां लागू की जिनसे रोमानियाई लोगों और थक चुकी रोमानियाई अर्थव्यवस्था में सुधार हुआ, साथ ही [[सेक्युरिटेट|पुलिस राज्य]] के प्राधिकरण का भी बहुत विस्तार हुआ और [[व्यक्तित्व के पंथ|व्यक्तित्व के एक पंथ]] को अध्यारोपित किया गया। इससे सिसेसू (Ceauşएस्कु) की लोकप्रियता में काफी कमी हुई और अंततः उसे हटा दिया गया और [[1989 की रोमानियाई क्रांति|1989 की खूनी रोमानियन क्रांति]] ख़त्म हो गयी।
 
रोमानिया में देखने के लिए बुखारेस्ट की संसद है. हाउस ऑफ पीपल नाम वाली इस इमारत को बनाने के लिए चाउषेस्कू ने वहां से 40,000 लोगों को घरों से हटा कर दूसरी जगह बसाया. 350,000 वर्ग मीटर की ये इमारत उस समय तैयार की गई थी जब रोमानिया में खाने की कमी थी और बिजली की कटौती रोज की समस्या. इस इमारत में इतना संगमरमर लगाया गया है कि ओलंपिक में इस्तेमाल होने वाले 400 स्विमिंग पूल इससे भर जाएं.
2006 में, [[रोमानिया में कम्युनिस्ट तानाशाही के अध्ययन के लिए राष्ट्रपति आयोग]] ने दो मिलियन लोगों पर कम्युनिस्ट दमन के प्रत्यक्ष पीड़ितों की संख्या का अनुमान लगाया.<ref>{{cite report|title=Recensământul populaţiei concentraţionare din România în anii 1945-1989|publisher=Centrul Internaţional de Studii asupra Comunismului|location=Sighet|year=2004|language=Romanian}}</ref><ref>{{cite report|title=Raportul Comisiei Prezidenţiale pentru Analiza Dictaturii Comuniste din România|publisher=Comisia Prezidenţială pentru Analiza Dictaturii Comuniste din România|date=2006-12-15|pages=215–217}}</ref> इस संख्या में वे लोग शामिल नहीं थे जो कम्युनिस्ट जेलों में अपने इलाज के परिणाम स्वरुप स्वतंत्रता में मारे गए, ना ही वे लोग शामिल थे जो देश की गंभीर आर्थिक परिस्थितियों के कारण मर गए।
यह पैलेस अब रोमानिया की सबसे मशहूर इमारतों में है. 2012 में यहां करीब डेढ़ लाख पर्यटक आए जिनमें से एक लाख विदेशी थे. हालांकि सारे लोगों को चाउषेस्कू को टूरिस्ट ऑब्जेक्ट बनाना पसंद नहीं आया. स्थानीय टूर ऑपरेटर एसोसिएशन की अध्यक्ष लुसिया मोरारिऊ कहती हैं, "उन लोगों को क्यों उकसाना जो उसका शोक मना रहे हैं. रोमानिया में और भी अच्छी जगहें हैं." वो नाम गिनाती हैं, यूनेस्को की वैश्विक धरोहर डैन्यूब का डेल्टा, रेतेजात पर्वतों का सुंदर इलाका या फिर यूरोप में सबसे ज्यादा भालुओं और भेड़ियों की जनसंख्या.
देश के दक्षिण में स्कोर्निसेती गांव, जहां चाउषेस्कू का 1918 में जन्म हुआ था वहां पर्यटक जाना पसंद करते हैं. यहां अभी भी पानी की सप्लाई और बिजली नहीं है. इस पैतृक घर को चाउषेस्कू के भतीजे एमिल बार्बुलेस्कू ने लोगों के लिए खोला. वे अभी भी पास के ही घर में रहते हैं. वह स्थानीय कम्युनिस्ट मिलिशिया के प्रमुख हैं और पुराने अच्छे दिनों को याद करते हैं. वो कहते हैं, "इतिहास उन्हें (चाउषेस्कू को) वहीं रखेगा जहां के वो हकदार हैं."
इस गांव में चाउषेस्कू को मानने वाले अभी भी बहुत लोग हैं. 58 साल के इयोन डोंगा बताते हैं. "उस समय बहुत रोक टोक थी." हालांकि वह ये भी कहते हैं कि उनके परिवार को "किसी तरह की कमी नहीं" थी, साथ ही ये भी मानते हैं कि तानाशाह को मारा जाना ठीक था लेकिन अधिकारियों ने जिस तरह काम किया वो सही नहीं था.
 
2006 में, [[रोमानिया में कम्युनिस्ट तानाशाही के अध्ययन के लिए राष्ट्रपति आयोग]] ने दो मिलियन लोगों पर कम्युनिस्ट दमन के प्रत्यक्ष पीड़ितों की संख्या का अनुमान लगाया.<ref>{{cite report|title=Recensământul populaţiei concentraţionare din România în anii 1945-1989|publisher=Centrul Internaţional de Studii asupra Comunismului|location=Sighet|year=2004|language=Romanian}}</ref><ref>{{cite report|title=Raportul Comisiei Prezidenţiale pentru Analiza Dictaturii Comuniste din România|publisher=Comisia Prezidenţială pentru Analiza Dictaturii Comuniste din România|date=2006-12-15|pages=215–217}}</ref> इस संख्या में वे लोग शामिल नहीं थे जो कम्युनिस्ट जेलों में अपने इलाज के परिणाम स्वरुप स्वतंत्रता में मारे गए, ना ही वे लोग शामिल थे जो देश की गंभीर आर्थिक परिस्थितियों के कारण मर गए।
 
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