"बाल्कन युद्ध": अवतरणों में अंतर

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===ईर्ष्या तथा द्वेष में वृद्धि===
यद्यपि इन युद्धों के द्वारा [[ईसाई]] प्रजा को टर्की के साम्राज्य से मुक्ति मिल गई थी, किन्तु इन युद्धों के कारण इन राज्यों की शक्ति में बड़ा विस्तार हुआ और उनमें पारस्परिक ईर्ष्या और द्वेष में बहुत अधिक वृद्धि हुई। बल्गारिया अन्य राज्यों को ईर्षा और द्वेष को दृष्टि से देखने लगा। सर्बिया, आस्ट्रिया से बड़ा असंतुष्ट हो गया, क्योंकि उसके कारण ही अल्बानिया के नये राज्य का निर्माण हुआ जिससे वह [[एड्रियाटिक सागर]] से दूर हो गया। आस्ट्रिया भी सर्बिया से नाराज था, क्योंकि उसके विस्तार से उसके [[ईजियन सागर]] तक पहुंचने के मार्ग में रूकावट उत्पन्न हो गई। आस्ट्रिया को ग्रीस व रूमानिया से भी असंतोष था। जर्मनी भी सर्बिया को अपना शत्रु समझता था क्योंकि उनके द्वारा जर्मनी के [[कुस्तुनतुनिया]] तक पहुंचने के मार्ग में वह रूकावट हो गया। ये राष्ट्र बुखारेस्ट की संधि का अंत करना चाहते थे। उनको केवल अवसर की तलाश थी। शीघ्र ही उनको बाल्कन राज्यों के विरूद्ध कार्य करने का अवसर प्राप्त हो गया, जब [[आस्ट्रिया]] के [[राजकुमार फर्डिनेन्ड]] और उसकी पत्नी का वध [[सेराजीवो]] में दिन दहाड़े एक सर्ब द्वारा 28 जून 1914 ई. को किया गया। '''इसके कारण ही [[प्रथम विश्वयुद्ध]] का आरंभ हुआ।'''
 
==इन्हें भी देखें==