"ब्रह्मगुप्त": अवतरणों में अंतर

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== जीवन परिचय ==
ब्रह्मगुप्त [[आबू पर्वत]] तथा [[लुणी नदी]] के बीच स्थित, भीनमाल नामक ग्राम के निवासी थे। इनके पिता का नाम जिष्णु था। इनका जन्म शक संवत् ५२० में हुआ था। इन्होंने प्राचीन ब्रह्मपितामहसिद्धांत के आधार पर ब्रह्मस्फुटसिद्धांत तथा खण्डखाद्यक नामक करण ग्रंथ लिखे, जिनका अनुवाद [[अरबी भाषा]] में, अनुमानत: [[खलीफा मंसूर]] के समय, '''सिंधिदसिंदहिंद''' और '''अल अकरंद''' के नाम से हुआ। इनका एक अन्य ग्रंथ 'ध्यानग्रहोपदेश' नाम का भी है। इन ग्रंथों के कुछ परिणामों का विश्वगणित में अपूर्व स्थान है।
 
आचार्य ब्रह्मगुप्त का जन्म [[राजस्थान]] राज्य के [[भीनमाल]] शहर मे ईस्वी सन् ५९८ मे हुआ था। इसी कारण उन्हें भिल्लमालाआचार्य के नाम से भी कई जगह उल्लेखित किया गया है। यह शहर तत्कालीन गुजरात प्रदेश की राजधानी तथा [[हर्षवर्धन]] साम्राज्य के राजा व्याघ्रमुख के समकालीन माना जाता है।