"ब्रह्मगुप्त": अवतरणों में अंतर

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ब्रह्मगुप्त [[पाई]] ('''pi''') (३.१४१५९२६५) का मान १० के [[वर्गमूल]] (३.१६२२७७६६) के बराबर माना।
 
ब्रह्मगुप्त अनावर्त वितत भिन्नों के सिद्धांत से परिचित थे। इन्होंने एक घातीय [[अनिर्धार्य समीकरण]] का पूर्णाकों में व्यापक हल दिया, जो आधुनिक पुस्तकों में इसी रूप में पाया जाता है और अनिर्धार्य [[वर्ग समीकरण]], K y<sup>2</sup> + 1 = x2x<sup>2</sup>, को भी हल करने का प्रयत्न किया।
 
=== ब्रह्मगुप्त का सूत्र ===