"हेनरी स्टुअर्ट, लॉर्ड डार्न्ले": अवतरणों में अंतर

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हेनरी स्टुअर्ट या स्टुअर्ट, अल्बानी का ड्यूक (7 दिसम्बर 1545 – 10 फरवरी 1567), जिसकी १५६५ से पहले नाम की शैली लॉर्ड डॉर्न्ले थी, कर्को-फील्ड में १५६७ में अपनी हत्या से पहले तक स्कॉटलैंड का पटराजा था।[1]

हेनरी, लॉर्ड डार्न्ले
स्कॉटिश पटराजा
शासनकाल29 जुलाई 1565 – 10 फरवरी 1567
जन्म7 दिसम्बर 1545
टेंपल न्युसैम, यॉर्कशायर, इंग्लैंड
निधन10 फ़रवरी 1567(1567-02-10) (उम्र 21)
कर्क ओ-फील्ड, एडिनबर्ग, स्कॉटलैंड
समाधि
जीवनसंगीमैरी १ (स्कॉटलैंड की रानी)
वि. 1565; अल. 1567
संतानजेम्स ६
घरानास्टुअर्ट राजघराना
पितामैथ्यु स्टीवर्ट, लेनॉक्स का चौथा अर्ल
मातामार्गरेट डगलस
धर्मरोमन कैथोलिक

वह मैथ्यु स्टीवर्ट, लेनॉक्स का चौथा अर्ल व उसकी पत्नी मार्गरेट डगलस का दूसरा बेटा था। डार्न्ले के नाना आर्किबाल्ड डगलस और नानी हेनरी सप्तम की बेटी मार्गरेट टुडोर थीं जो स्कॉटलैंड के जेम्स चतुर्थ की विधवा भी थीं। ऐसा माना जाता है कि हेनरी स्टुअर्ट का जन्म ७ दिसम्बर को हुआ था। वह स्कॉटलैंड की रानी मैरी १ का फुफेरा भाई व दूसरा पति और इंग्लैंड के राजा जेम्स १ का पिता था। जेम्स, एलिज़ाबेथ प्रथम के बाद इंग्लैंड व स्कॉटलैंड का संयुक्त राजा बना था।[2]

शुरुवाती जीवन

 
युवा हेनरी स्टुअर्ट, भविष्य में स्कॉटों का पटराजा

डार्न्ले का जन्म 1545 में लीड्स के टेम्पल न्युसैम में हुआ था जो इंग्लैंड के यॉर्कशायर में है। अपने माता-पिता दोनों के जरिए वह इंग्लैंड व स्कॉटलैंड दोनों सिहांसनों का दावेदार था। उसकी माँ इंग्लैंड के हेनरी सप्तम व पिता स्कॉटलैंड के जेम्स द्वितीय के वंशज थे।

डार्न्ले के पिता पर स्कॉटलैंड में देशस्रोह का आरोप लगा था। उनपर आरोप था कि वो स्कॉट होते हुए भी गुईज़ की मैरी व कार्यकारी स्कॉट शासक ऐरन के खिलाफ अंग्रेजों के रफ़ वूईंग नामक छद्म युद्ध में उनका साथ दिया था। रफ वूईंग, हेनरी अष्टम ने स्कॉटलैंड के खिलाफ़ छेडा था जब स्कॉटों ने राजकुमारी मैरी की शादी हेनरी के पुत्र से करने से इंकार कर दिया। हेनरी के सैनिक स्कॉटिश सीमाओं में सेंधमारी कर के मैरी का अपहरण करने के लिए ढूंढते रहते थे। इससे बचाने के लिए इस समय मैरी की माँ ने उन्हें फ्राँस भेज दिया था। देशद्रोह साबित होने पर लेनॉक्स के अर्ल की स्कॉटिश संपत्तियों १५४५ में जब्त कर लिया गया।[2]लेनॉक्स इंग्लैंड में २२ वर्षों तक शरणार्थी की तरह रहा और स्कॉटलैंड १५६४ को लौटा। डार्न्ले की माँ ने १५२८ में स्कॉटलैंड छोड दिया था।[3]

राजसी शिक्षा

लॉर्ड डार्न्ले की शीक्षा-दीक्षा बहुत बेहतरीन व राजसी मानकों के हिसाब से हुई थी। उसे लैटिन, स्कॉटिश-गैलिक, अंग्रेजी व फ्रेंच भाषाओं का ज्ञान था। उसने गायन, वादन और नृत्य में बहुत तरक्की कर ली थी। उसके शिक्षकों में एक स्कॉटिश स्कॉळर व लेखक जॉन एल्डर थे। वो एंग्लो-स्कॉटिश एकीकरण की वकालत करते थे। उनका मानना था मैरी व एडवर्ड ६ के विवाह से यह आसानी से संभव हो सकता है। उन्होंने १५४३ में एडवर्ड के पिता व उस वक्त इंग्लैंड के राजा हेनरी अष्टम को इसकी सलाह भी दी थी, जिसके बाद हेनरी ने ऐसा करने के लिए रफ़ वूईंग नामक छद्म युद्ध तक कर डाला।[4]

डार्न्ले एक हृष्ट-पुष्ट व मजबूत शरीर वाला नौजवान था, एक अच्छ घुडसवार, अस्त्रों-शस्त्रों का जानकार व शिकार पसंद कुलीन घराने का युवक था।[5]

स्कॉटों की रानी मैरी से विवाह

 
लॉर्ड डॉर्न्ले और मैरी, स्कॉटों की रानी (चित्र लगभग 1565ई. के आसपास का, अब हार्डविक हॉल में है।)[6]

१२ फरवरी १५६५ को डार्न्ले, मैरी से मिलने एडिनबर्ग पंहुचा। 17 फरवरी को वह मैरी से फाइफ के वेमिस किले में मिला। हॉलहिल के जेम्स मैलविले ने सूचना दी थी कि रानी मैरी डार्न्ले से मिलकर बहुत खुश हुईं थीं और उससे अधिक आकर्षक व कुलीन लंबे कद-काठी वाले नौयुवक से पहले कभी नहीं मिली थीं।[7] २४ फरवरी के बाद से वह मैरी के साथ ही उनके महल में रहा।

उपाधियाँ, शैलियाँ, सम्मान और कुल-चिन्ह

 
Lord Darnley's coat of arms

उपाधियाँ व शैलियाँ

  • 7 दिसम्बर 1545 – 15 मई 1565: मास्टर ऑफ लेनॉक्स (स्कॉटलैंड); लॉर्ड डार्न्ले (अंग्रेज उपाधि)
  • 15 May – 20 July 1565: The Earl of Ross and Lord of Ardmanach.[8]
  • 20–28 जुलाई 1565: ड्यूक ऑफ अल्बानि
  • 28 जुलाई 1565 – 10 फरवरी 1567: हिज़ ग्रेस द किंग ऑफ स्कॉट्स

सम्मान

संदर्भ

  1. एंटोनिया फ़्रेज़र. Mary Queen of Scots.
  2. एलैने फिनी ग्रेग, 'Stewart, Henry, duke of Albany [Lord Darnley] (1545/6–1567)', Oxford Dictionary of National Biography, ऑक्स्फोर्ड विश्वविद्यालय प्रेस, 2004; online edn, Jan 2008 accessed 4 March 2012
  3. डैनियल, विलियम एस. (1852), History of The Abbey and Palace of Holyrood. Pub. Edinburgh: Duncan Anderson. p. 62
  4. Letters & Papers Henry VIII, vol. 18 part 2, (1902), no. 539: Bannatyne Miscellany, Edinburgh vol. 1, (1827), 1–6
  5. Ellis, Henry, ed., Original Letters illustrative of British History, 2nd series vol. 2, (1827) pp. 249–251
  6. "Henry Stuart, Lord Darnley, (1545–1567) and Mary, Queen of Scots (1542–1587), National Trust Inventory Number 1129218". National Trust for Places of Historic Interest or Natural Beauty, National Trust collections. अभिगमन तिथि 2 February 2014.
  7. मेलविले, जेम्स (1973). गॉर्डन डोनाल्डसन (संपा॰). Memoirs of his own life. न्यूयॉर्क: एएमएस प्रेस. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 0404527183. Her Majesty took well with him, and said that he was the lustiest and best proportioned long man that she had seen.
  8. Daniel, William S. (1852), History of The Abbey and Palace of Holyrood. Pub. Edinburgh: Duncan Anderson, p. 65.
  9. Anderson, Duncan (1849). History of the Abbey and Palace of Holyrood. Edinburgh, Scotland: Keeper of the Chapel Royal. पृ॰ 58. मूल से 15 December 2011 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 15 December 2011. about the beginning of February 1565-6, the Seigneur de Rembouillet, with a deputation from the King of France, arrived at the Palace, to present Darnley with the order of St. Michael, known as the Scallop or Cockle-shell Order, so called from the escallop shells of which the collar was composed. The investiture was performed after the celebration of mass in the Chapel-Royal

संदर्भ ग्रंथ

स्कॉटिश राजशाही
खाली
Title last held by
फ्राँसिस २, फ्राँस का राजा
स्कॉटिश पटराजा
1565–1567
खाली
Title next held by
डेनमार्क की ऐने
Peerage of Scotland
नई रचना अल्बानी का ड्यूक
4th creation
1565–1567
उत्तराधिकारी
जेम्स स्टुअर्ट