"सारनाथ": अवतरणों में अंतर

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[[चित्र:Five disciples at Sarnath.jpg|center|450px|thumb|[[धर्मचक्र]] के सम्मुख विनयनत [[महात्मा बुद्ध]] के प्रथम ५ शिष्य]]
 
=== धमेख स्तूप, जैन मंदिर, सारनाथ ===
[[Image:Sarnath1.jpg|thumb|right|[[धम्मेक स्तूप]], सारनाथ ]]
सारनाथ के इतिहास में सबसे गौरवपूर्ण समय [[गुप्त राजवंश|गुप्तकाल]] था। उस समय यह [[मथुरा]] के अतिरिक्त उत्तर भारत में कला का सबसे बड़ा केंद्र था। [[हर्षवर्धन|हर्ष]] के शासन-काल में [[ह्वेन त्सांग]] भारत आया था। उसने सारनाथ को अत्यंत खुशहाल बताया था। हर्ष के बाद कई सौ वर्ष तक सारनाथ विभिन्न शासकों के अधिकार में था लेकिन इनके शासनकाल में कोई विशेष उपलब्धि नहीं हो पाई। [[महमूद ग़ज़नवीगजनवी]] (1017 ई.) के वाराणसी आक्रमण के समय सारनाथ को अत्यधिक क्षति पहुँची। पुन: 1026 ई. में सम्राट महीपाल के शासन काल में स्थिरपाल और बसन्तपाल नामक दो भाइयों ने सम्राट की प्रेरणा से काशी के देवालयों के उद्धार के साथ-साथ धर्मराजिका स्तूप एवं धर्मचक्र का भी उद्धार किया। गाहड़वाल वेश के शासन-काल में गोविंदचंद्र की रानी कुमार देवी ने सारनाथ में एक विहार बनवाया था। उत्खनन से प्राप्त एक अभिलेख से भी इसकी पुष्टि होती है|है। इसके पश्चात् सारनाथ की वैभव का अंत हो गया।
 
== सारनाथ का उत्खनन ==