"लीलावती": अवतरणों में अंतर

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१५. अङ्क-पाश
 
लीलावती के क्षेत्रव्यवहार प्रकरण में भास्कराचार्य ने [[त्रिकोणमिति]] पर प्रश्न, त्रिभुजों तथा चतुर्भुजों के क्षेत्रफल, [[पाई]] का मान और [[गोला|गोलों]] के तल के [[क्षेत्रफल]] तथा [[आयतन]] के बारे में जानकारी दी है-
 
: व्यासे भनन्दाग्नि (३९२७) हते विभक्ते ,
: खबाणसूर्यैः (१२५०) परिधिस्तु सूक्ष्मः ॥
: द्वाविंशति (२२) घ्ने वृहितेथ शैलैः (७)
: स्थूलोऽथवा स्याद व्यवहारः योग्यः॥
 
:अर्थात पाई का सूक्ष्म मान = ३९२७/१२५० , और
: पाई का स्थूल मान = २२/७ ; <ref>[https://books.google.co.in/books?id=kzHyr5yd7hAC&printsec=frontcover#v=onepage&q&f=false संसार के महान गणितज्ञ, पृष्ट ९१]] (गूगल पुस्तक ; गुणाकर मूले)</ref>
 
== इन्हें भी देखें ==