"साम्यवाद": अवतरणों में अंतर

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== रूस में साम्यवाद ==
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बोल्शेविक दल रूस के कई समाजवादी दलों में से एक था। 1917 की विशेष परिस्थितियों में इसको सफलता प्राप्त हुई। रूसी समाजवाद की पार्श्वभूमि अन्य यूरोपीय समाजवादों की स्थिति से भिन्न थी। रूसी साम्राज्य यूरोप के अग्रणी देशों से उद्योग धंधों में पिछड़ा हुआ था, अत: यहाँ मजदूर वर्ग बहुसंख्यक और अधिक प्रभावशाली न हो सका। यहाँ लोकतंत्रात्मक शासन और व्यक्तिगत स्वाधीनताओं का भी अभाव था। रूसी बुद्धिजीवी और मध्यमवर्ग इनके लिए इच्छुक था पर जारशाही दमननीति के कारण इनकी प्राप्ति का संवैधानिक मार्ग अवरुद्धप्राय था। इन परिस्थितियों से प्रभावित वहाँ के प्रथम समाजवादी रूस के ग्रामीण कम्यून (समुदाय) को अपने विचारों का आधार मानते थे तथा क्रांतिकारी मार्ग द्वारा जारशाही का नाश लोकतंत्रवाद की सफलता के लिए प्रथम सोपान समझते थे। उन विचारकों में हर्जेन (Herzen), लावरोव (Lavrov), चर्नीशेव्सकी (Chernishevrzky) और बाकुनिन (Bakunin) मुख्य हैं। इनसे प्रभावित होकर अनेक बुद्धिजीवी क्रांति की ओर अग्रसर हुए। इस प्रकार नरोदनिक (Narodnik) जन आंदोलन की नींव पड़ी तथा नारोदन्या वोल्या (Narodnya Volya, '''जनेच्छा''') संगठन बना। सन् 1901 में इसका नाम सामाजिक क्रांतिकारी पार्टी (Social Revolutionary Party) रखा गया। सन् 1917 की बोल्शेविक क्रांति के समय तक यह रूस का सबसे बड़ा समाजवादी दल था, परंतु इसका प्रभावक्षेत्र अधिकांशत: ग्रामीण जनता थी। इसके वाम पक्ष ने बोल्शेविक क्रांति का समर्थन किया।