"बंकिमचन्द्र चट्टोपाध्याय": अवतरणों में अंतर

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उनके अन्य उपन्यासों में दुर्गेशनंदिनी, [[मृणालिनी]], [[इंदिरा]], [[राधारानी]], [[कृष्णकांतेर दफ्तर]], [[देवी चौधरानी]] और [[मोचीराम गौरेर जीवनचरित]] शामिल है। उनकी कविताएं [[ललिता ओ मानस]] नामक संग्रह में प्रकाशित हुई। उन्होंने धर्म, सामाजिक और समसामायिक मुद्दों पर आधारित कई निबंध भी लिखे।
 
बंकिमचंद्र के उपन्यासों का भारत की लगभग सभी भाषाओं में [[अनुवाद]] किया गया। बांग्ला में सिर्फ बंकिम और [[शरतचन्द्र चट्टोपाध्याय]] को यह गौरव हासिल है कि उनकी रचनाएं [[हिन्दी]] सहित सभी भारतीय भाषाओं में आज भी चाव से पढ़ी जाती है। लोकप्रियता के मामले में बंकिम और शरद और [[रवीन्द्र नातह टैगोर|रविन्द्र नाथ टैगोरठाकुर]] से भी आगे हैं। बंकिम बहुमुखी प्रतिभा वाले रचनाकार थे। उनके कथा साहित्य के अधिकतर पात्र शहरी मध्यम वर्ग के लोग हैं। इनके पात्र आधुनिक जीवन की त्रासदियों और प्राचीन काल की परंपराओं से जुड़ी दिक्कतों से साथ साथ जूझते हैं। यह समस्या भारत भर के किसी भी प्रांत के शहरी मध्यम वर्ग के समक्ष आती है। लिहाजा मध्यम वर्ग का पाठक बंकिम के उपन्यासों में अपनी छवि देखता है।
 
=== ग्रन्थ तालिका ===
{|
|- valign=top
|
'''उपन्यास'''
* [[दुर्गेशनन्दिनी]]
* [[कपालकुण्डला]]
* [[मृणालिनी]]
* [[बिषबृक्ष]]
* [[इन्दिरा]]
* [[युगलाङ्गुरीय]]
* [[चन्द्रशेखर]]
* [[राधारानी]]
* [[रजनी]]
* [[कृष्णकान्तेर उइल]]
* [[राजसिंह]]
* [[आनन्दमठ]]
* [[देबी चौधुरानी]]
|
* [[सीताराम]]
* उपकथा
(''इन्दिरा'',''युगलाङ्गुरीय'' और ''राधारानी'' त्रयी संग्रह)
* Rajmohan's Wife
 
'''प्रबन्ध ग्रन्थ'''
* [[कमलाकान्तेर दप्तर]]
* [[लोकरहस्य]]
* [[कृष्ण चरित्र]]
* बिज्ञानरहस्य
* बिबिध समालोचना
* प्रबन्ध-पुस्तक
* साम्य
* कृष्ण चरित्र
* बिबिध प्रबन्ध
|
'''विविध'''
* ललिता (पुराकालिक गल्प)
* धर्म्मतत्त्ब
* सहज रचना शिक्षा
* श्रीमद्भगबदगीता
* कबितापुस्तक
(किछु कबिता, एबं ''ललिता'' ओ ''मानस'')
 
'''सम्पादित ग्रन्थावली '''
* दीनबन्धु मित्रेर जीबनी
* बाङ्गला साहित्ये प्यारीचाँद मित्रेर स्थान
* सञ्जीबचन्द्र चट्टोपाध्यायेर जीबनी
|
|}
 
== बाहरी कड़ियाँ ==