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धारिता
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तो किसी चालक की वैधुत धारिता चालक को दी गयी आवेश की वह मात्रा है जो चालक के विभव में एक वोल्ट का परिवर्तन कर दे।
 
वैधुत धारिता एक [[अदिश राशि]] है। वैधुत धारिता का मान सदैव धनात्मक होता है। क्योकि चालक पर आवेश तथा इसके कारण विभव में परिवर्तन के चिन्ह सामान होते हैं।

धारिता का विमीय सूत्र -
[M<sup>-1<T×T×T×T×A×A/sup>·L<sup>-2</sup>·T<sup>-4</sup>·I<sup>-2</sup>M×L×L] है। चालक के माध्यम का [[परावैद्युतांक]] बढ़ने से धारिता भी बढती है।
 
किसी चालक की धारिता निम्न तथ्यों पर '''निर्भर नहीं करती है'''-
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इसी प्रकार जब हम किसी चालक को आवेश देते है तो चालक के विभव का आंकिक मान बढ़ता है। यदि चालक को आवेश लगातार देते जाये तो चालक स्थतिज ऊर्जा का संचय नहीं कर पता अर्थात वैधुत रोधन क्षमता समाप्त हो जाती है। तथा आवेश लीक होने लगता है। इस स्थिति में विभव का मान अधिकतम होता है। ओर इस प्रकार चालक द्वारा आवेश की एक निश्चित मात्रा का संग्रह ही संभव है।
 
इसी का परोक्ष उदाहरण यह है की जब हम खलीखाली बर्तन को जल में डालते है तो बर्तन में पानी निश्चित मात्रा तक ही बढ़ पता है और पानी तदुपरान्त बर्तन से बाहर आने लगता है। इसे बर्तन की धारिता कहते है।इसे मिलीलीटर,लीटर आदि से व्यक्त करते है।
 
==इन्हें भी देखें==