"तैमूरलंग": अवतरणों में अंतर

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== क्रूर मुसलमान ==
तैमूर लंग दूसरा [[चंगेज़ ख़ाँ]] बनना चाहता था। वह चंगेज़ का वंशज होने का दावा करता था, लेकिन असल में वह [[तुर्क]] था। वह [[लंगड़ा]] था, इसलिए 'तैमूर लंग' (लंग = लंगड़ा) कहलाता था। वह अपने बाप के बाद सन 1369 ई. में [[समरकंद]] का शासक बना। इसके बाद ही उसने अपनी विजय और क्रूरता की यात्रा शुरू की। वह बहुत बड़ा सिपहसलार था, लेकिन पूरा वहशी भी था। मध्य एशिया के मंगोल लोग इस बीच में मुसलमान हो चुके थे और तैमूर खुद भी मुसलमान था। लेकिन मुसलमानों से पाला पड़ने पर वह उनके साथ जरा भी मुलायमित नहीं बरतता था। जहाँ-जहाँ वह पहुँचा, उसने तबाही और बला और पूरी मुसीबत फैला दी। नर-मुंडों के बड़े-बड़े ढेर लगवाने में उसे ख़ास मजा आता था। पूर्व में दिल्ली से लगाकर पश्चिम में एशिया-कोचक तक उसने लाखों आदमी क़त्ल कर डाले और उनके कटे सिरों को स्तूपों की शक्ल में जमवाया।
 
= क्रूर मुसलमान =
चंगेज़ ख़ाँ और उनके मंगोल भी बेरहम और बरवादी करने वाले थे, पर वे अपने ज़माने के दूसरे लोगों की तरह ही थे। लेकिन तैमूर उनसे बहुत ही बुरा था। अनियंत्रित और पैशाचिक क्रूरता में उसका मुक़ाबला करने वाला कोई दूसरा नहीं था। कहते हैं, एक जगह उसने दो हज़ार जिन्दा आदमियों की एक मीनार बनवाई और उन्हें ईंट और गारे में चुनवा दिया।
= क्रूर मुसलमान =
 
== भारत पर आक्रमण ==