'''मुनिसुव्रत''' या सुव्रतनाथमुनिसुव्रतनाथ जैन धर्म के २० वें तीर्थंकर माने गए हैं। उनके पिता का नाम सुमित्र और माता का नाम पद्यावती था। उनका जन्म [[राजगृह]] (राजगिर) और निर्वाण संमेदशिखर पर हुआ था। कछुवा उनका चिह्न बताया गया है। उनके समय में ९वें चक्रवर्ती महापद्य का जन्म हुआ जो विष्णुकुमार महापद्य के छोटे भाई थे। आगे चलकर विष्णुकुमार मुनि जैनधर्म के महा उद्धारक हुए। मुनि सुव्रतनाथ के समय में ही राम (अथवा पद्य) नाम के ८वें वासुदेव और रावण नाम के ८वें बलदेव, लक्ष्मण नाम के ८वें प्रतिवासुदेव का जन्म हुआ।