"रिले": अवतरणों में अंतर
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== रिले के प्रकार ==
* विद्युतचुम्बकीय तथा अर्धचालक आधारित रिले
* एक पोले, दो पोल या अधिक पोल वाले रिले प्रेरणी मोटर (इण्डक्शन मोटर) प्रत्यावर्ती धारा से चलने वाली मोटर है जिसके रोटर की कोणीय चाल स्टेटर वाइण्डिंग द्वारा पैदा किये गये घूर्णी चुम्बकीय क्षेत्र की कोणीय चाल से कम होती है। इसी कारण इस मोटर को 'अतुल्यकालिक मोटर' (asynchronous motor) कहा जाता है (तुल्यकालिक मोटर, देखें)। इसे 'प्रेरण मोटर' इस कारण कहा जाता है क्योंकि इसके रोटर में प्रेरण के द्वारा धारा उत्पन्न होती है क्योंकि रोटर तथा घूर्णी चुम्बकीय क्षेत्र की चाल अलग-अलग होती है।
स्क्वैरेल केज प्रेरण मोटर के स्टेटर और रोटर
यह मोटर सबसे अधिक उपयोग में आता है जिसके कारण इसे उद्योगों का वर्कहॉर्स कहते हैं। इसमें घिसने वाला कोई अवयव नहीं है जिससे यह बिना मरम्मत के बहुत दिनो तक चल सकता है। यह कई प्रकार का होता है-
तीन फेजी प्रेरण मोटर
स्क्वैरेल केज
स्लिप-रिंग
एक फेजी प्रेरण मोटर
स्प्लिट-फेज प्रेरण मोटर (या Permanent-split capacitor motor))
कैपेसिटर-स्टार्ट प्रेरण मोटर,
कैपेसिटर-स्टार्ट कैपेसिटर रन प्रेरण मोटर,
रेसिस्टैंस स्प्लिट-फेज प्रेरण मोटर,
शेडेड पोल प्रेरण मोटर (Shaded pole induction motor)
घरों में सामान्य कार्यों एवं कम शक्ति के लिये प्रयुक्त अधिकांश मोटरें एक-फेजी प्रेरण मोटर ही होतीं हैं इन्हें फ्रैक्शनल हॉर्शपॉवर मोटर भी कहते हैं। उदाहरण के लिये पंखों, धुलाई की मशीनों के मोटर आदि।
* सम्पर्क (कान्टेक्ट) आमतौर पर चालू रह सकते हैं या बंद
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