"विद्या": अवतरणों में अंतर
Content deleted Content added
Sanjeev bot (वार्ता | योगदान) छो बॉट: कोष्टक () की स्थिति सुधारी। |
अनुनाद सिंह (वार्ता | योगदान) No edit summary |
||
पंक्ति 1:
'''विद्या''' है वो जानकारी और गुण, जो हम दिखाने, सुनाने, या पढ़ाने (शिक्षा) के माध्यम से प्राप्त करते है। हमारे जीवन के शुरुआत में हम सब जीना सीखते है। [[शिक्षा]] लोगों को [[ज्ञान]] और [[विद्या दान]] करने को कहते हैं अथवा व्यवहार में सकारात्मक एंव विकासोन्मुख परिवर्तन को शिक्षा माना जाता है।▼
▲'''विद्या''' है वो जानकारी और गुण, जो हम दिखाने, सुनाने, या पढ़ाने (शिक्षा) के माध्यम से प्राप्त करते है। हमारे जीवन के शुरुआत में हम सब जीना सीखते है।
== विद्या ==
विद्या एक कला है. वह ऐसी कला है, जॅहा हम विद्या मे बदलाव ला सकते है, और नया या मजबूती, वर्तमान ज्ञान ,वेव्याहार , हुनर, कदर, और प्राथ्मिकता को अर्जित कर सकते है. विद्या मे अलग-अलग जानकारी को संलेक्शन कर सकते है. विद्या की योग्यता को मानव, जानवर और यन्त्त्त्र से भूत्ग्रसत है. प्रगति एवम समय हमेशा विद्या की रेखा को पालन करता है. ये सब एकद्ूम, एक ही समय पर नही होता, बल्कि पहला ज्ञान पर निर्माण और गढा करता है. विद्या केवल एक संकलन तात्यपूर्ण और प्रक्रियात्मिक ज्ञान नही है, बल्कि वह एक विधि या प्रक्रिया है .विद्या हर एक जीव मे बदलाव लाता है, और यह बदलाव हमेशा तुलनात्मक रूप से स्थिर है.
मानव की विद्या ज्ञान, निज की उन्नति या ट्रैनिंग की एक भाग होता है. वह एक लक्ष्या अभिविन्यस्त है और लगभग अभिप्रेरणा से सहायतयुक्तित है. किस तरह विद्या आता है वह एजुकेशनल साइकॉलजी, नुरो साइकॉलजी, लर्निंग थियरी और पेडगोजी के भाग है. विद्या की अंतिम परिणाम अभ्यास और क्लॅसिकल कंडीशनिंग, जो हम जानवरो मे देखते है या वह एक अंतिम परिणाम होता है, जहाँ बहुत सारे कला होते है जैसे खेलना, जो हम सिर्फ़ चतुर जानवरो मे देखते है. विद्या मे जागृत होकर या बिना जागृत होकर आता है. जो विद्या प्रतिकूल कार्यक्रम जिसको हम ताल नही सकते, इसको हम ज्ञानी असहायता कहते है. एक गवाह है जो मानव के सवभावजन्या है,जिसमे अभ्यास को देखा गया है, वो भी ३२ वीक्स है जहाँ गरबकाल का समय है. यह संकेत करता है की सेंट्रल नर्वस सिस्टम काफ़ी उन्नत और प्रथम विद्या के लिए है और चेतना को पहले उन्नत मे आने की संकेत करता है. <ref>एजुकेशनल साइकॉलजी बाइ मंगल, विकास पब्लिकेशन्स, देल्ही </ref>
बहुत सारे थीयरिस्ट्स कहते है की खेल विद्या की पहली मुद्रा है. बच्चे दुनिया के साथ जांज करते है, उसके तोर तरीके सीकते है और एक दूसरे से बातचीत करते है. ये सब खेल से ही होता यासीकते है. लेव वाइगस्की राज़ी होते है की खेल बच्चो ही उन्नति के लिए बहुत महत्वपूर्ण है, क्यो की वे एक उद्देश्या अपने वातावरण के साथ बनाते है जो ज्ञान के खेल से ही होता है. <ref>अड्वॅन्स्ड एजुकेशनल साइकॉलजी बाइ शोर्मा, विकास पब्लिकेशन्स, देल्ही</ref>
== कॉंटेंट्स: ==
# नों असोसीयेटिव लर्निंग.
# अभ्यास
# सेन्सिचिज़ेशन
# असोसीयेटिव लर्निंग
# ऑपरेंट कंडीशनिंग
# क्लॅसिकल कंडीशनिंग
# इमप्रिंटिंग
# खेल
# एंकुलतुआलिसटिओं
# एपिसॉइक लर्निंग.
# मल्टिमीडिया लर्निंग
# लर्निंग आंड आरगुएमेंटेड
# रीट लर्निंग
# मीनिंग्फुल लर्निंग
# इनस्तरुएमेंटल लर्निंग.
# फॉर्मल लर्निंग.
# नों- फॉर्मल लर्निंग
== इन्हें भी देखें ==
* [[ज्ञान]]
* [[विद्या दान]]
* [[अविद्या]]
== सन्दर्भ ==
<references/>
== बाहरी
* [http://ethics.wikia.com/wiki/Knowledge Knowledge (विद्या)]
|