"हिण्डौन तहसील": अवतरणों में अंतर

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===नरसिंह जी मंदिर===
 
नरसिंह जी मंदिर, [[हिण्डौन]] शहर से लगभग 15 किलोमीटर की दूरी पर, एक [[गुफा]] के रूप में स्थित है। हिन्दू पुराणों के अनुसार [[नरसिंह]], [[भगवान विष्णु]] के अवतार हैं, जो भक्त [[प्रहलाद]] की रक्षा करने के उद्देश्य से अवतरित हुए थे।{{उद्धरण मान्यता अनुसार, नरसिंह भगवान के दर्शन करने से भूत-प्रेत, काला जादू, आत्माओं जैसी समस्या का निवारण होता है।आवश्यक}}
 
=== श्री महावीरजी मंदिर ===
[[File:Mahavirji Temple.JPG|thumb|महावीरजी मंदिर]]
[[चित्र:Shri-Mahavirji-1.jpg|अंगूठाकार]]
[[Shri Mahavirji| श्री महावीर जी]] हिण्डौन सिटी से 17 किलोमीटर दूर महावीरजी कस्वे मे स्थित है। यह मंदिर जैन धर्म की आस्था का केन्द्र है। इस मन्दिर मे भगवान महावीर कि तांबे से निर्मित प्रतिमा है, जोकी पद्मासन मे विराजित है। मंदिर के पास हि गम्भीरी नदी बहती है। महावीरजी कि प्रतिमा को जमीन से खोद कर प्राप्त किया गया है, जिससे से सम्बन्धित कथा है कि एक ग्वाले कि कामधेंनु गायें प्रतिदिन एक टीले पर जा कर अपना सारा दुध उस टीले पर फैला देती थीं। इस घटना से आश्चर्य चकित होकर ग्वाले व गाँव वालो ने उस टीले कि खुदाई कि तो वहाँ से महावीरजी कि मुर्ति निकली। यहाँ प्रतिवर्ष महावीर जयंती पर (अप्रैल माह मे) मेले का आयोजन किया जाता है, जो कि पाँच दिनो तक चलता है। मेले के अंतिम दिन रथ यात्रा निकाली जाती है व कई धार्मिक और सांस्कृतिक आयोजन किये जाते हैं। देशभर से हजारों श्रद्धालु इसमे सम्मिलित होने आते हैं।{{उद्धरण आवश्यक}}
 
=== पहाड़ी क्षेत्र (हिल स्टेशन) ===
 
[[चित्र:Hindaun city hill station.jpg|अंगूठाकार]]
यहाँ मुख्यालय से 8-10 किलोमीटर दूर पूर्व की ओर बहुत विशालकाय पहाड़ी क्षेत्र स्थित है। जिसे हिण्डौन का डाँग इलाका के नाम से भी जानते है। यह हिण्डौन के वन क्षेत्र का एक भाग है। यहाँ आस पास छोटे-छोटे गाँवों वसे है। यह बहुत मनोरम क्षेत्र है। यहाँ के पास में ही जगर बाँधहै।{{उद्धरण आवश्यक}}
 
=== तिमनगढ़ किला ===
(40 किमी.)
[[File:Timangarh.jpg|thumb|तिमनगढ किला]]
तीमनगढ़ हिण्डौन सिटी के निकट है। इस किले का निर्माण 12वीं शताब्‍दी के मध्‍य में हुआ था। अपने समय में तिमनगढ़ स्‍थानीय सत्‍ता का केंद्र था। 1196 में यहां के राजा कुंवर पाल का हराकर मोहम्‍मद गौरी और उनके सेनापति कुतुबुद्दीन ने इस पर अपना कब्‍जा कर लिया था। इसके बाद राजा कुंवर पाल को रेवा के एक गांव में शरण लेनी पड़ी। किले के मुख्‍य द्वार पर मुगल स्‍थापत्‍य कला का प्रभाव दिखाई पड़ता है। लेकिन किले के आं‍तरिक हिस्‍सों पर यह प्रभाव नहीं है। इसकी दीवारें, मंदिर और बाजार अपने सही रूप में देखे जा सकते हैं। किले से सागर झील का विहंगम दृश्‍य भी देखा जा सकता है।{{उद्धरण आवश्यक}}
 
=== श्री कैला देवी मंदिर ===
[[File:Kailadevi Temple.jpg|thumb|कैलादेवी मंदिर करौली.]]
श्री कैला देवी जी मंदिर हिण्डौन सिटी से 53 किमी. दूर स्थित है। यह माना जाता है कि इस मंदिर की स्‍थापना 1100 ई. में हुई थी। श्री कैला देवी पूर्वी राजस्‍थान, मध्‍य प्रदेश और उत्‍तर प्रदेश के लाखों लोगों की आराध्‍य देवी हैं। प्रतिवर्ष करीब 60 लाख श्रद्धालु यहां दर्शनों के लिए आते हैं। यह मंदिर देवी दुर्गा के 9 शक्तिपीठों में से एक है। चैत्र नवरात्रों में यहां मेले का आयोजन किया जाता है।{{उद्धरण आवश्यक}}
 
=== कैला देवी अभ्‍यारण्‍य ===
{{main|कैला देवी अभयारण्य}}
(53 किमी.)
यह अभ्‍यारण्‍य हिण्डौन सिटी से 53 किमी. दक्षिण पश्चिम में स्थित है। इस अभ्‍यारण्‍य की सीमा कैलादेवी मंदिर के पास से शुरु होकर करन पुर तक जाती हैं और रणथंभौर राष्‍ट्रीय उद्यान से भी मिलती हैं। कैला देवी अभ्‍यारण्‍य में नीलगाय, तेंदुए और सियार के अलावा किंगफिशर में मिलते हैं।{{उद्धरण आवश्यक}}
 
 
 
 
 
==सन्दर्भ==