"रणबीर दण्ड संहिता": अवतरणों में अंतर

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==भारतीय दंड संहिता एवं रणबीर दंड संहिता का तुलनात्मक अध्ययन==
===भारतीय दंड संहिता में व्याख्यित वह मुद्दे जो रणबीर दंड संहिता में नहीं हैं==
#ईपीसी की धारा 4 कंप्यूटर द्वारा किये गए अपराधों का भी व्याख्यित एवं संबोधिन करती है, लेकिन रणबीर दंड संहिता में इसका कोई बोध नहीं है।
#आईपीसी की धारा 153 CAA सार्वजनिक सभाओं या जमावड़ों के दौरान जानबूझकर शस्त्र लाने को दंडनीय अपराध मानती है, हालांकि रणबीर आचार संहिता में इस महत्वपूर्ण विषय का उदबोधन नहीं है।
#आईपीसी की धारा 195 A के तहत अगर कोई किसी को झूठी गवाही या बयान देने के लिये प्रताड़ित करता है तो वह दण्ड के हकदार हैं, रणबीर दंड संहिता में इस संबंध में कोई निर्देश नहीं मिलते हैं।
#आईपीसी की धारा 281 के तहत जो व्यक्ति किसी नाविकों को प्रकाश, निशान या पेरक में काम आने वाले पहियों से गुमराह करता है तो वह सजा का हकदार है, हालांकि रणबीर दंड संहिता में ऐसा कुछ भी नहीं मिलता।
#भारतीय दंड संहिता की धारा 304 B, दहेज के कारण होने वाली मौतों से संबंधित है, लेकिन रणबीर दंड संहिता में इसका कोई उल्लेख नहीं है।
# रणबीर आचार दंड विधान की धारा 303 हर हालत में कैद जीवन गुजार रहे खूनी मौत का समर्थक है, इसमें हत्या विश्लेषण कोई गुंजाइश नहीं। इसलिए इसे हटाने की मांग की गई है।
#रणबीर दंड संहिता की धारा 190 के तहत सरकार ऐसे किसी भी व्यक्ति को सज़ा दे सकती है जो ऐसी सामग्री प्रकाशित या वितरित करे जिसे सरकार द्वारा अमान्य या ज़ब्त किया गया हो। इस मामले में अपराध का निरधारण करने का अधिकार मुख्यमंत्री का है। इस विशेष धारा द्वारा पत्रकारिता, सोच और विचार, व्यक्त की स्वतंत्रता बुरी तरह से प्रभावित होती है।
 
===रणबीर डंद संहिता में व्याख्यित वह मुद्दे जो भारतीय दंड संहिता में नहीं हैं==