"उस्मान बिन अफ़्फ़ान": अवतरणों में अंतर

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उसमान बिन अफ़्फ़ान (579-656) [[उमर बिन खत्ताब]] के बाद मुसल्मानों के तीसरे [[खलीफा]] चुने गये। पहले वो एक धनी व्यापारी हुआ करते थे लेकिन बाद में वह [[मुहम्मद]] साहिब के दामाद और उनके प्रमुख साथी बने।अपने खलीफ़ा बनने के बाद उन्होने [[क़ुरान]] को संकलित कर पुस्तक का रूप दिया । इस धार्मिक पुस्तक में मिलावट के आरोप में और [[मिस्र]] के वासियों से दग़ा करने के आरोप में ८० साल की उम्र में उनका मदीना में भीड़ ने क़त्ल कर दिया । इन आरोपों को इतिहास में विवादित माना जाता है, लेकिन प्रमाणित नहीं ।ख़ास कर [[शिया मुस्लिम]] इन आरोपों पर अधिक विश्वास करते हैं ।
उसमान बिन अफ़्फ़ान (579-656) [[मुहम्मद]] साहिब के दामाद और उनके प्रमुख साथियों में से थे। वह [[उमर बिन खत्ताब]] के बाद मुसल्मानों के तीसरे [[खलीफा]] चुने गये।
 
अपने धन के कारण उनको अल-ग़नी भी कहते हैं । इनके परिवार के अन्य सदस्यों ने अगले ७० सालों के इस्लामी साम्राज्य-विस्तार में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की । बाद के उमय्या वंश के शासक इनके वंश से संबंधित थे ।
 
== इन्हें भी देखें ==