"धवलेराम मीणा": अवतरणों में अंतर

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'''धवलेराम मीणा''' लाला रामपुर, करौली के मूलनिवासी हैं। '''पद-गायन''' में इन्होने पुरे पूर्वी राजस्थान में जो मुकाम पाया हैं वो काबिले तारीफ़ हैं। इन्होने हजारो पदो को लिखा, उन्हें अपनी मण्डली को सिखाकर संगीत की इस विधा को प्रासंगिक व आकर्षित बनाये रखा। '''धवलेराम मीणा''' लाला रामपुर, करौली के मूलनिवासी हैं। '''पद-गायन''' में इन्होने पुरे पूर्वी राजस्थान में जो मुकाम पाया हैं वो काबिले तारीफ़ हैं। इन्होने हजारो पदो को लिखा, उन्हें अपनी मण्डली को सिखाकर संगीत की इस विधा को प्रासंगिक व आकर्षित बनाये रखा। इन्होने धार्मिक विषयो के अलावा समाज में प्रचलित परम्परावो को भी निशाना बनाया , और पदो के माध्यम से दहेज़ , बाल विवाह, भेदभाव , अशिक्षा पर जमकर प्रहार किये और लोगो को इन मनोवृत्तियों से निकल बाहर आने का आव्हान किया।
==परिचय==
इनका जन्म करौली के लाला रामपुर गांव में हुआ था। इनका रुझान शुरू से ही पद गायन की तरफ बढ़ा। और इन्होने अपनी मण्डली बनाकर इनमे भाग लेना शुरू किया। ये '''मेडिया''' के नाम से जाने जाते हैं
 
==योगदान==
धवलेराम के पदो की विषयवस्तु में समकालीन विषयो के अलावा सामजिक स्थिति और व्यवस्था भी शामिल होती है। धार्मिक विषय भी महत्वपूर्ण रहे।
#फैशन चल गो दुनिया में नौकर कू छोरी देवा को....<br/> यह पद लोगो में वर्चस्व वाली भूमिका में बने रहने के लिए दहेज़ को साधन बनाने की मानसिकता पर प्रहार करता है