"श्रेयांसनाथ": अवतरणों में अंतर

सुधार
सुधार
पंक्ति 6:
| caption = श्रेयांसनाथ जी की प्रतिमा, [[सारनाथ]]
| अन्य नाम =
| पूर्वाधिकारी =
| उत्तराधिकारी =
| शिक्षाएं =
| एतिहासिक_काल =
| वंश = इक्ष्वाकु
| पिता = विष्णु नरेन्द्र
| राज्य_पूर्वाधिकारी = विश्वसेन
| माता = विशनावेणुदेवी
| राज्य_उत्तराधिकारी =
| पिता = विष्णु
| माता = विशना
| च्यवन = भादवा कृष्णा 7
| च्यवन_स्थान =
| जन्म = १ × १०<sup>२१२</sup> वर्ष पूर्व
| जन्म_स्थलजन्म_स्थान = [[हस्तिनापुर]]
| दीक्षा =
| दीक्षा_स्थान =
Line 27 ⟶ 24:
| चिन्ह = [[गैंडा]]
| ऊंचाई = ८० धनुष (२४० मीटर)
| उम्रआयु = ८४,००,००० वर्ष{{sfn|जैन|२०१५|p=१९४}}
| यक्ष = मनुज
| यक्षिणी = वत्स
| प्रथम_गणधर = धर्मं स्वामी
| गणधरों_की_संख्य =
}}
Line 36 ⟶ 33:
'''श्रेयांसनाथ जी''', [[जैन धर्म]] के ११वें [[तीर्थंकर]] थे।
 
श्रेयांसनाथ जी के पिता का नाम विष्णु और माता का विष्णुश्रीवेणुदेवी था। उनका जन्मस्थान सिंहपुर ([[सारनाथ]]) और निर्वाणस्थान [[संमेदशिखर]] माना जाता है। [[गैंडा]] इनका चिह्न था। श्रेयांसनाथ के काल में जैन धर्म के अनुसार अचल नाम के प्रथम बलदेव, त्रिपृष्ठ नाम के प्रथम वासुदेव और अश्वग्रीव नाम के प्रथम प्रतिवासुदेव का जन्म हुआ।
 
==अन्य==
श्रेयांस एक राजा का भी नाम था। वह भरत चक्रवर्ती का पुत्र था और [[हस्तिनापुर]] का निवासी था। प्रथम तीर्थंकर ऋषभदेव को इक्षुरस (ईख का रस) का आहार देकर राजा श्रेयांस ने उन्हें प्रथम पारणा कराई थी। भगवान् महावीर के पिता सिद्धार्थ को भी 'श्रेयांस' नाम से कहा गया है।
 
==इन्हें भी देखें==
* [[जैन धर्म में भगवान]]
* [[जैन ब्रह्माण्ड विज्ञान]]
* [[भरत चक्रवर्ती]]
* [[ऋषभदेव]]
 
==सन्दर्भ==
{{साँचा:तीर्थंकर}}
{{टिप्पणीसूची}}
 
==ग्रन्थ==
*{{citation|last1=जैन|first1=विजय कुमार|title=Acarya Samantabhadra’s Svayambhustotra|date=२०१५|publisher=विकल्प प्रकाशन|isbn=9788190363976|accessdate=1 नवंबर 2015|url=https://archive.org/details/SvayambhuWeb_201501|quote=Not in Copyrighत}}
 
{{साँचा:तीर्थंकर}}
[[श्रेणी:तीर्थंकर]]
[[श्रेणी:जैन धर्म]]