'''श्रेयांसनाथ''', [[जैन धर्म]] में वर्तमान अवसर्पिणी काल के ११वें [[तीर्थंकर]] है।थे। श्रेयांसनाथ जी के पिता का नाम विष्णु और माता का वेणुदेवी था। उनका जन्मस्थान सिंहपुर ([[सारनाथ]]) और निर्वाणस्थान [[संमेदशिखर]] माना जाता है।{{sfn|जैन|२०१५|p=१९४}} इनका चिन्ह [[गैंडा]] इनका चिह्न था।है। श्रेयांसनाथ के काल में जैन धर्म के अनुसार अचल नाम के प्रथम बलदेव, त्रिपृष्ठ नाम के प्रथम वासुदेव और अश्वग्रीव नाम के प्रथम प्रतिवासुदेव का जन्म हुआ।