"पिंजर (फ़िल्म)": अवतरणों में अंतर
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{{Infobox Film
| name = पिंजर
| image =पिंजर.jpg
| caption = '''पिंजर''' का पोस्टर
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| starring = [[उर्मिला मातोंडकर]], <br />[[मनोज बाजपेयी]], <br />[[संजय सूरी]], <br />[[ईशा कोपिकर]], <br />[[लिलेट दुबे]], <br />[[कुलभूषण खरबंदा]], <br />[[फरीदा ज़लाल]], <br />[[आलोक नाथ]], <br />[[सीमा बिस्वास]], <br />[[सुधा शिवपुरी]], <br />[[दीना पाठक]], <br />समर जय सिंह, <br />
| screenplay =
| released =[[2003]]
| country = [[भारत]]
| language = [[हिन्दी]]
| budget =
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'''पिंजर''' 2003 में बनी [[हिन्दी भाषा]] की फिल्म है।
== संक्षेप ==
भारत और पाकिस्तान के विभाजन पर आधारित् पिञर फिल्म सही धङ मे एक औरत की साद्गी और धीरज का विव्ररन कर्ती है। आज भी हमारे देश के अनेक हिस्सो मे एक लद्की का जीना मुश्किल है। एक लाद्की का परिवार मे जन्म लेना एक भोज माना जाता है।
१९४६ की बर्सात देश मे कहर बर्सा रही थी। देश के आङन और साञ्हे चूले बिक्ने की तय्यारी हो रही थी। कही देश जल रहा था, कही जल्ने की तय्यारी मे था। जिन मासूम हाथोन ने अभी लिखना शुरू ही किया था वे भी इस गुस्से की आग मे जल ही गये। पर जिन्दगी दरिया की तरह अपनी राह खोल लेती है। उसी की एक कहानी है पिञर, जिसके सिर्फ किर्दारोन के नाम झूते है, कहानी घोर सच्चायी।
यह फिल्म पुरो (उर्मिला) की कहानी है, जो अपने भायी त्रिलोक (प्रियान्शू) के साथ एक खूब्सूरत रिश्ता रखती है। और जिसकी मङनी राम्छन्द (सञय) से हो चुकी होती है।
शादी के कुछ दिनो पहले उसका अपहरन्न राशिद नामक एक मुसल्मान युवक के हाथ हो जाता है। यह सब राशिद अपने खानदान का बदला लेने के लिये करता है, लेकिन उसके मन मे पुरो के प्रति बहुत इज्जत और प्रेम भी होता है। और इसी कारन्न वो पुरो से निकाह करने का फयसला करता है। लेकिन पुरो उधर से भाग निकलती है और भागकर जब वो अपने घर पहौन्छ्ती है, तब उसके घर वाले उसे नही अपनाते, यह कहकर की उसके कारन्न उनकी समाज मे इज़्ज़त न रहेगी। जब वह जिन्दगी से हारकर अपनी जान देने जाती है तब राशिद उसे रोक लेता है। और पुरो से जबरदस्ती शादी कर लेता है। इस सब के बाद भी त्रिलोक अपनी बहन की त्तालाश मे रह्ता है। विभाजन के कारन्न यह परिवार बिछद जाते है।
कहानी के दूसरे भाग मे पुरो का एक बावरी के लद्के का गोद लेना और त्रिलोक का राशिद के खेत को जला देना बहुत अच्छे से दिखाया गया है। पिञर हिन्दु-मुसलमा के बीच की लदायी को बदे ही सन्वेदन्शीलता से दिखाती है।
निर्दशक चन्द्र प्रकाश दिवेदी सारे किर्दारो से बेह्तरीन काम लेने मे सफलता प्रप्त करते है। उर्मिला अपना किरदार बहुत अच्छे से निभाती है। और यह कहना गलत न होगा कि ये उनका सबसे अच्छा प्रदर्शन है। मनोज ने एक इमानदार किरदार निभाया है। प्रियानश, सञय, का काम भी बदिया है। लेकिन इशा की कला और किरदार को और् ज्यदा विशेशता दी जाती तो शायद यह फिल्म उनके लिये एक याद्गार फिल्म बन जाती।
चन्द शब्दो मे अगर इस फिल्म के बारे मे कुछ कहा जा सकता है तो वो यह है कि यह फिल्म सिर्फ उन दरशको को अच्छी लगेगी जो हमारे देश के साहित्य को जानने की इच्छा रखते है।
== चरित्र ==
== मुख्य कलाकार ==
* [[उर्मिला मातोंडकर]] - पूरो/हमीदा
* [[मनोज बाजपेयी]] - रशीद
* [[संजय सूरी]]- रामचंद
* [[ईशा कोपिकर]] - रज्जो
* [[लिलेट दुबे]]
* [[कुलभूषण खरबंदा]] - मोहनलाल
* [[फरीदा ज़लाल]]
* [[आलोक नाथ]] - श्यामलाल
* [[सीमा बिस्वास]] - पागल औरत
* [[सुधा शिवपुरी]]
* [[दीना पाठक]] - रहीम की आंटी
* समर जय सिंह
== दल ==
== संगीत ==
== रोचक तथ्य ==
== परिणाम ==
=== बौक्स ऑफिस ===
=== समीक्षाएँ ===
== नामांकन और पुरस्कार ==
== बाहरी कड़ियाँ ==
* {{imdb title|0347779|पिंजर}}
[[श्रेणी:2003 में बनी हिन्दी फ़िल्म]]
[[श्रेणी:भारत के विभाजन पर आधारित साहित्य]]
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