"बृजमोहन लाल मुंजाल": अवतरणों में अंतर

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==हीरो मोटोकॉर्प==
अगस्त २०११ में होंडा मोटर्स के साथ संयुक्त उपक्रम से विदाई के बाद हीरो मोटोकॉर्प के नाम से कंपनी बनी और २०१३ तक हीरो होंडा ब्राँड का डपयोग करने हेतु हीरो समूह ने होंडा कंपनी को रॉयल्टी देने का निर्णय लिया। <ref>{{cite web|title=Munjals to set up family council|url=http://archive.financialexpress.com/news/munjals-to-set-up-family-council/701962|website=Financial Express|accessdate=10 January 2015}}</ref> संयुक्त उपक्रम से अलग होने के पश्चात हीरो समूह को एसे देशों में भी निर्यात करने का अवसर मिल गया जहाँ होंडा का कारोबार पहले से ही था तथा संयुक्त उपक्रम के नाते हीरो-होंडा को वहाँ माल बेचने की अनुमति नहीं थी।
 
==व्यक्तिगत जीवन==
बृजमोहन का विवाह संतोष से हुआ था तथा इनके चार पुत्र व एक पुत्री हैं- रमन काँत (दिवंगत), सुमन काँत, पवन काँत, सुनील काँत तथा पुत्री गीता आनन्द।<ref>{{cite news|title=The succession story of Munjal family|url=http://profit.ndtv.com/news/market/article-the-succession-story-of-munjal-family-42414|accessdate=10 January 2015|publisher=NDTV}}</ref>
1 नवंबर 2015 को एक छोटी बीमारी के पश्चात् इनका निधन हो गया।<ref>http://www.business-standard.com/article/companies/end-of-an-era-brijmohan-lall-munjal-dies-after-brief-illness-115110100779_1.html</ref>
 
==सम्मान==
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{{२००५ पद्म भूषण}}
 
ग्राहकों की नब्ज पहचानें
मुंजाल एक बार तकनीकी ज्ञान लेने जर्मनी गए थे। वहां
जो व्यक्ति उन्हें लेने आया था, उसने हवाई अड्डे से
होटल तक न सिर्फ उन्हें गीता के श्लोक सुनाए, बल्कि
वे स्थान भी दिखाए, जहां साइकिलें बनती थीं। उसे
पता था कि उससे मिलने आने वाला भारतीय है,
इसलिए वह उसी हिसाब से तैयारी करके आया था।
दरअसल सफल व्यवसायी के लिए ग्राहकों की सोच
को पकड़ना जरूरी है। हीरो ग्रुप ने इस मंत्र को अच्छी
तरह समझा और आज यह विश्व में दोपहिया वाहनों की
सबसे बड़ी कंपनी है।
 
 
[[श्रेणी:२००५ पद्म भूषण]]