"हिन्दी वर्तनी मानकीकरण": अवतरणों में अंतर

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''भाषा-साम्राज्य के अंतर्गत भी शब्दों की सीमा में अक्षरों की जो आचार सहिता अथवा उनका अनुशासनगत संविधान है, उसे ही हम वर्तनी की संज्ञा दे सकते हैं।....वर्तनी भाषा का वर्तमान है। वर्तनी भाषा का अनुशासित आवर्तन है, वर्तनी शब्दों का संस्कारिता पद विन्यास है। वर्तनी अतीत और भविष्य के मध्य का सेतु सूत्र है। यह अक्षर संस्थान और वर्ण क्रम विन्यास है।''<ref>{{cite book |last= भाटिया|first= कैलाश चन्द्र |authorlink= |coauthors= |title= हिन्दी की मानक वर्तनी |year= प्रभात प्रकाशन|publisher= प्रभात प्रकाशन|location=नई दिल्ली|id=2645|pages=144}} का पृष्ठ २</ref>
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