"मंगलूरु": अवतरणों में अंतर

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'''मैंगलूर''' ([[तुळु]]: कुड्ला ; [[कोंकणी]]: कोडयाल; [[बियारी]]: मायकला; [[कन्नड]]: ಮಂಗಳೂರು, / मंगलुरु) [[भारत]] के [[कर्नाटक]] प्रान्त का एक शहर है। यह शहर देश के पशिचमपश्चिमी विभागभाग में आता है। इस शहर के पूर्व में [[पश्चिमी घाट]] औरंऔर पशिचम में [[अरब सागर]] है।
 
मैंगलूर [[दक्षिण कन्नड़ जिला|दक्षिण कन्नड]] जिले का मुख्यालय है।
 
मैंगलूर [[दक्षिण कन्नड़ जिला|दक्षिण कन्नड]] जिले का मुख्यालय है।
== भूगोल ==
 
== इतिहास ==
अरब सागर और पश्चिमी घाट के बीच बसा मंगलौर सदियों से वाणिज्यिक गतिविधियों का केन्द्र रहा है। कर्नाटक की नेत्रावती और गुरूपुरा नदियों के संगम स्थल पर बसा मंगलौर कर्नाटक के दक्षिण पश्चिमी तट पर स्थित है। मंगलौर को प्राचीन काल में 'नौरा' नाम से भी जाना जाता था। मंगलौर नाम मंगला देवी मंदिर के नाम पर पड़ा। मंगलादेवी अलुपा राजवंश की कुलदेवी थीं। यह मंदिर [[केरल]] की राजकुमारी की याद में बनवाया गया था।
 
== जनसांख्यिकी ==
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== यातायात ==
== पर्यटन स्थल ==
=== मंगलादेवी मंदिर- ===
=== सुलतान बैटरी- ===
[[चित्र:Mangaladevi (Commons).jpg|right|thumb|300px|'''मंगलादेवी''' , जिनके नाम पर इस नगर का नाम पड़ा है।]]
इसे अठारहवीं शताब्दी में टीपू सुलतान ने सुरक्षा के दृष्टिकोण से बनवाया था। इसका निर्माण दुश्मन के जहाजों को गुरपुरा नदी में प्रवेश से रोकने के लिए हुआ था। इसका ढांचा किले जैसा है। काले पत्थरों से बना यह मंगलौर सिटी बस स्टैंड़ से 6किमी.दूर बेल्‍लूर में स्थित है।
इसी मंदिर के नाम पर इस शहर का नाम मंगलौर पड़ा। यह मंदिर शहर के मुख्य बस स्टैन्ड से 3 किमी. दूर स्थित है। इस मंदिर को अट्टावर के बलाल वंश द्वारा केरल की राजकुमारी की याद में बनवाया गया था।
 
=== कादरी मंजूनाथ मंदिर- ===
यह ऐतिहासिक मंदिर 1068 ई. में बना था। वर्ग के आकार के इस मंदिर में नौ टैंक है और यह सबसे ऊंची पहाड़ी पर स्थित है। मंदिर में स्थापित लोकेश्वर की प्रतिमा को कांस्‍य धातु की सबसे उत्तम प्रतिमा माना जाता है। मंदिर की चोटी पर जोगीमठ है जिसे राजा [[कुंडवर्मा भूपेन्द्र]] ने बनवाया था। पहाड़ी की चोटी पर ही पत्थरों की गुफाएं हैं जिन्हें पांड़वों की गुफाओं के नाम से भी जाना जाता है।
 
=== सेन्ट अलोयसियस चर्च- ===
यह चर्च नेहरू मैदान बस स्टैन्ड से 1 किमी. दूर है। चर्च की दीवारों को इटली के कलाकार एन्टोनी मोशायनी की पेंटिग ने ढ़क रखा है। चर्च का निर्माण 1899-1900 में हुआ था। सेन्ट अलोयसियस कॉलेज चेपल लाइटहाउस हिल पर स्थित है जिसकी तुलना रोम के सिसटीन चेपल से की जाती है।
 
=== श्री शरावू महागणपति मंदिर- ===
शरावु महागणपति मंदिर परिसर में अनेक मंदिर हैं जो शरावु, कादरी, मंगलादेवी और कुदरोली को समर्पित हैं। इन सभी मंदिरों में 800 साल पुराना श्री शरावु शाराबेश्वर मंदिर सबसे लोकप्रिय है। यह मंदिर श्री गणपति क्षेत्र में स्थित है।
 
=== लाइटहाउस हिल गार्डन- ===
=== मंगलादेवी मंदिर- ===
इसी मंदिर के नाम पर इस शहर का नाम मंगलौर पड़ा। यह मंदिर शहर के मुख्य बस स्टैन्ड से 3 किमी. दूर स्थित है। इस मंदिर को अट्टावर के बलाल वंश द्वारा केरल की राजकुमारी की याद में बनवाया गया था।
 
=== लाइटहाउस हिल गार्डन- ===
कहा जाता है कि अठारहवीं शताब्दी में बना इस लाइटहाउस को हैदर अली ने बनवाया था। बस स्टैन्ड से 1किमी.की दूरी पर यह लाइटहाउस बना हुआ है। यहां एक गार्डन भी है जहां से समुद्र के खूबसूरत नजारे देखे जा सकते हैं।
 
=== सुलतान बैटरी- ===
=== श्रीमंथी बाई मेमोरियल म्यूजियम- ===
इसे अठारहवीं शताब्दी में टीपू सुलतान ने सुरक्षा के दृष्टिकोण से बनवाया था। इसका निर्माण दुश्मन के जहाजों को गुरपुरा नदी में प्रवेश से रोकने के लिए हुआ था। इसका ढांचा किले जैसा है। काले पत्थरों से बना यह मंगलौर सिटी बस स्टैंड़ से 6किमी6 किमी. दूर बेल्‍लूर में स्थित है।
 
=== श्रीमंथी बाई मेमोरियल म्यूजियम- ===
यह संग्रहालय कर्नाटक राज्य सड़क परिवहन निगम के बस स्टैन्ड के पीछे स्थित है। यहां प्राचीन काल के अवशेषों का संग्रह देखा जा सकता है। हनुमान और भैरव की लकड़ी की मूर्ति पर नक्काशी और 13वीं शताब्दी की पत्थरों की आकृतियां यहां देखी जा सकती हैं।
 
=== पोलाली- ===
मंगलौर से 20 किमी. दूर पोलाली में राजा राजेश्वरी मंदिर है जिसमें 10 फीट ऊंची मिट्टी की प्रतिमा है। इसे भारत की सबसे ऊंची मिट्टी की मूर्ति माना जाता है।
 
=== मालपे बीच-समुद्र तट ===
यहां का शांत और मनोरम वातावरण पर्यटकों को कुछ ज्‍यादा ही आकर्षित करता है। मंगलौर से 66 किमी. दूर उत्तर में यह बीचसमुद्र तट स्थित है।
 
=== वेनूर- ===
मंगलौर से 50 किमी. दूर यह एक छोटा सा नगर है जो आठ [[जैन धर्म|जैन]] बस्ती और महादेव मंदिर के लिए लोकप्रिय है। यहां सत्रहवीं शताब्दी में बनी 11 मीटर ऊंची बाहुबली की प्रतिमा देखी जा सकती है जो गुरूपुर नदी के दक्षिणी किनारे पर स्थित है।
 
=== कटील- ===
मंगलौर से 30 किमी. दूर उत्तर में स्थित कटील में दुर्गा परमेश्वरी मंदिर है जो नंदिनी नदी के बीच में बना हुआ है। हालांकि यह मंदिर एक आधुनिक रचना है लेकिन इसकी नींव को काफी प्राचीन माना जाता है। यहां नवरात्रि के अवसर पर हरि‍ कथा और यक्षगान विशेषकर दशावतार का आयोजन किया जाता है।
 
=== महामाया मंदिर- ===
इस मंदिर का इतिहास लगभग 2000 साल पुराना है। यह मंदिर देवी काली को समर्पित है।
[[चित्र:Mangalore City.jpg|center|500px|thumb|मंगलूर शहर का विहंगम दृष्य]]
 
== आवागमन ==