"दीपावली (जैन)": अवतरणों में अंतर

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==मोक्ष लक्ष्मी==
जैन धर्म में लक्ष्मी का अर्थ होता है निर्वाण और सरस्वती का अर्थ होता है कैवल्यज्ञानकेवलज्ञान, इसलिए प्रातःकाल जैन मंदिरों में भगवान महावीर स्वामी का निर्वाण उत्सव मनाते समय भगवान की पूजा में लड्डू चढ़ाए जाते हैं।
भगवान महावीर को मोक्ष लक्ष्मी की प्राप्ति हुई और गौतम गणधर को कैवल्यज्ञान[[केवलज्ञान]] की सरस्वती की प्राप्ति हुई, इसलिए लक्ष्मी-सरस्वती का पूजन दीपावली के दिन किया जाता है। लक्ष्मी पूजा के नाम पर रुपए-पैसों की पूजा [[जैन धर्म]] में स्वीकृत नहीं है।
 
==सन्दर्भ==
{{टिप्पणीसूची}}
<ref>http://hindi.webdunia.com/article/jain-religion/जैन-धर्म-में-लक्ष्मी-यानी-निर्वाण-110110300020_1.htm</ref>
<ref>http://www.jaingolalariya.org/articledetail.php?url=-</ref><ref>http://aajtak.intoday.in/story/Diwali-in-different-religions-describes-1-42907.html</ref>
 
[[श्रेणी:दीपावली]]