"हाइड्रोजनन": अवतरणों में अंतर

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एथिलीन सदृश युग्मबंध वाले, ऐसीटिलीन सदृश त्रिकबंध वाले और कीटोनसमूह वाले यौगिक शीघ्रता से हाइड्रोजनीकृत हो जाते हैं। ऐसे यौगिकों में यदि एल्किल समूह जोड़ा जाए तो हाइड्रोजनीकरण की गति उनके भार के अनुसार धीमी होती जाती है। ऐरोमैटिक वलय वाले यौगिक उतनी सरलता से हाइड्रोजनीकृत नहीं होते। उच्च ताप पर हाइड्रोजनीकरण से वलय के टूट जाने की संभावना रहती है। ऐसा कहा जाता कि ट्रांस रूप की अपेक्षा सिस रूप का हाइड्रोजनीकरण अधिक तीव्रता से होता है, पर इस कथन की पुष्टि नहीं हुई है।
===वनस्पति घी===
[[भारत]] सहित [[दक्षिण एशिया]] में, पूर्ण रूप से या आंशिक रूप से हाइड्रोजनीकृत वनस्पति [[खाद्य तेल]] को 'वनस्पपति घी' या केवल 'वनस्पति' कहते हैं। प्रायः यह [[घी]] का सस्ता विकल्प माना जाता है।भारत में वनस्पति घी मुख्यतः [[पाम ऑयल]] से बनाया जाता है। हाइड्रोजनीकरन की प्रक्रिया 'सपोर्टेड निकल उत्प्रेरक' की उपस्थिति में कम या मध्यम दाब (3-10 bar) पर की जाती है। वनस्पति घी में ट्रान्स वसा की मात्रा बहुत अधिक (५०% तक) होती है जो स्वास्थ्य के लिये हानिकारक है।<ref>[http://navbharattimes.indiatimes.com/india/-/articleshow/4079165.cms स्वास्थ्य का शत्रु है वनस्पति घी]</ref>
 
==सन्दर्भ==
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[[श्रेणी:कार्बनिक रसायन]]