"अश्विनीकुमार (वैदिक देवता)": अवतरणों में अंतर

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वैदिक साहित्य और हिन्दू धर्म में ''अश्विनौ'' यानि दो अश्विनों का उल्लेख देवता के रूप में मिलता है जिन्हें '''अश्विनीकुमार''' के नाम से जाना जाता है । ऋग्वेद (१.३, १.२२, १.३४) के अलावे [[महाभारत]] में भी इनका वर्णन है । वैदिक व्याख्या के अनुसार गुणों से ये सूर्य से उत्पन्न माने जाते हैं । पौराणिक कथाओं में ''अश्विनीकुमार'' त्वष्टा की पुत्री प्रभा नाम की स्त्री से उप्तन्न सूर्य के दो पुत्र। वे [[आयुर्वेद]] के आदि आचार्य माने जाते हैं।
 
भारतीय दर्शन के विद्वान [[उदयवीर शास्त्री]] ने [[वैशेषिक]] शास्त्र की व्याख्या में अश्विनों को [[विद्युत-चुमबकत्वचुम्बकत्व]] बताया है जो आपस में जुड़े रहते हैं और सूर्य से उत्पन्न हुए हैं । इसके अलावे ये अश्व (द्रुत) गति से चलने वाले यानि ''आशु'' भी हैं - इनके नाम का मूल यही है ।
 
==पौराणिक विवरण==