"विहार पंचमी": अवतरणों में अंतर

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'''विहार पंचमी''' अथवा विवाह पंचमी हिंदू धार्मिक मान्यता के अनुसार मार्गशीर्ष शुक्ल पंचमी बांकेबिहारी के प्रकट होने की तिथि भी है। रामायण के अनुसार त्रेता युग में सीता-राम का विवाह इसी दिन हुआ माना जाता है। मिथिलाचंल और अयोध्या में यह तिथि 'विवाह पंचमी' के नाम से प्रसिद्ध है।<ref>{{cite news | first =26 नवम्बर 2014 | last =17 नवम्बर 2015 | author = | coauthors =| url =http://m.bhaskar.com/news-hf/DHA-UTS-utsav-lord-ram-where-see-sita-first-time-know-was-how-marriage-4819081-PHO.html?pg=0&referrer_url=https%3A%2F%2Fwww.google.co.in%2Fm%3Fq%3D%25E0%25A4%2585%25E0%25A4%25AF%25E0%25A5%258B%25E0%25A4%25A7%25E0%25A5%258D%25E0%25A4%25AF%25E0%25A4%25BE%2B%25E0%25A4%25B5%25E0%25A4%25BF%25E0%25A4%25B5%25E0%25A4%25BE%25E0%25A4%25B9%2B%25E0%25A4%25AA%25E0%25A4%2582%25E0%25A4%259A%25E0%25A4%25AE%25E0%25A5%2580 | title =पहली बार श्रीराम ने कहां देखा था सीता को? जानिए कैसे हुआ था विवाह | work =समाचारपत्र में लेख | publisher = दैनिक भास्कर | pages = | page = | date =15 | accessmonthday =11 | accessyear =2015 | language = }}</ref>
"विहार पंचमी" हिन्दी महीना कार्तिक मास के बाद मार्गशीर्ष (अगहन )शुक्ल पंचमी को हम सभी के दुलारे "बाँकेबिहारी जी" के अवतरण के रूप में मनाया जाता है ।
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